करनाल, वाईबीएन नेटवर्क: यह दिन उनके लिए खास होना था। घर में खुशियां होनी थीं, केक कटना था, दोस्तों और परिवार वालों की मौजूदगी में जन्मदिन की पार्टी होनी थी। लेकिन आज विनय नरवाल की
पहली जन्मतिथि है, जब वह खुद इस दुनिया में नहीं हैं। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में शहीद हुए हरियाणा के करनाल निवासी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल का आज जन्मदिन है। इस मौके पर उनके परिवार ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एक ब्लड डोनेशन कैंप का आयोजन किया। यह ब्लड डोनेशन कैंप सिर्फ रक्तदान का कार्यक्रम नहीं था, यह विनय की विचारधारा, उनके जज्बे और देशभक्ति को आगे बढ़ाने का प्रतीक बन गया। कार्यक्रम में परिवार के सभी सदस्य, करीबी रिश्तेदार और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए।
हिमांशी की अपील, हमें सिर्फ शांति चाहिए, नफरत नहीं
ब्लड डोनेशन कैंप में पहुंचीं विनय की पत्नी हिमांशी की आंखों में आंसू थे, लेकिन उनके शब्दों में दृढ़ता थी। उन्होंने कहा कि हम विनय के लिए प्रार्थना कर रहे हैं कि जहां भी वह हों शांति में हों। हम भी शांति चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इस घटना को धर्म के नाम पर बांटा जाए या नफरत फैलाई जाए। न हिंदू-मुस्लिम के नाम पर, न कश्मीरियों के खिलाफ। हमें न्याय चाहिए, लेकिन उसके रास्ते में इंसानियत को न खोया जाए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह भी अपने पति की तरह देश सेवा का रास्ता अपनाना चाहेंगी, तो उन्होंने बिना झिझके कहा – "हां, बिल्कुल।
बहन बोली भाई की सोच को आगे ले जाने में मदद करें
विनय की बहन सृष्टि ने लोगों से रक्तदान के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों में इस घटना को लेकर भावनात्मक जुड़ाव है और समाज के सहयोग से विनय की सोच और मूल्यों को आगे बढ़ाया जा सकता है। सरकार से हमारे पिता ने शहीद का दर्जा देने की मांग की है और इस दिशा में प्रयास जारी हैं ।
आंखों से छलके दर्द के समंदर
ब्लड डोनेशन कैंप के दौरान कई भावुक क्षण सामने आए। विनय की पत्नी हिमांशी उन्हें याद करते हुए कई बार रो पड़ीं। उनके ससुर ने उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की लेकिन माहौल पूरी तरह गमगीन था। हर कोई विनय को याद कर रहा था उनकी मुस्कान, उनका जज्बा और उनका सपना, जो अब अधूरा रह गया।
विनय की आखिरी प्लानिंग: बर्थडे पार्टी
गौर करने वाली बात यह भी है कि विनय अपने बर्थडे पार्टी प्लान की थी। 16 अप्रैल को हुई शादी और 19 अप्रैल को रिसेप्शन के बाद विनय और हिमांशी कश्मीर गए थे। लेकिन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में विनय शहीद हो गए। वे भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थे। आज का दिन विनय के लिए एक जश्न होना था, लेकिन यह श्रद्धांजलि का दिन बन गया। उनकी कुर्बानी को याद करते हुए न सिर्फ करनाल, बल्कि पूरा देश नम आंखों से उन्हें सलाम कर रहा है।