नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
बिहार में हाल ही में पटना के जेपी गंगा पथ पुल में आई दरारों ने राज्य की अवसंरचना परियोजनाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। 3831 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस पुल का उद्घाटन सीएम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अप्रैल को किया था, लेकिन उद्घाटन के कुछ ही दिनों बाद पुल में दरारें दिखाई दीं।
उद्घाटन से पहले की गईं बड़ी घोषणाएं
उद्घाटन के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीदारगंज से दीघा तक के जेपी गंगा पथ के एक हिस्से का लोकार्पण किया था। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
उद्घाटन के बाद सामने आई दरारें
उद्घाटन के बाद जब वाहनों का आवागमन शुरू हुआ, तो पुल की सड़क पर दरारें दिखाई दीं। यह दरारें दोनों लेनों में थीं विशेष रूप से दीदारगंज के पास पिलर नंबर ए-3 में। यह घटना इस पर संदेह उत्पन्न करती है कि क्या उद्घाटन से पहले पुल की पर्याप्त जांच-पड़ताल की गई थी।
पुलों की गुणवत्ता पर उठते सवाल
बिहार में पुलों की गुणवत्ता को लेकर यह पहली बार सवाल नहीं उठे हैं। कुछ समय पहले अररिया जिले में भी एक नवनिर्मित पुल में क्रैक पाए गए थे। इन घटनाओं से यह प्रश्न उठता है कि क्या निर्माण कार्यों में गुणवत्ता मानकों का पालन किया जा रहा है और क्या परियोजनाओं का समय पर और उचित तरीके से निरीक्षण किया जा रहा है।
चुनाव से पहले विकास कार्यों की समीक्षा की आवश्यकता
राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए, सरकार द्वारा विकास कार्यों की गति तेज की गई है। लेकिन गुणवत्ता से समझौता करने से लंबे समय में जनता को ही नुकसान होगा। इसलिए, यह आवश्यक है कि सभी निर्माण कार्यों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की जाए, ताकि जनता को सुरक्षित और टिकाऊ अवसंरचना मिल सके।