/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/10/befunky-collage-94-2025-08-10-18-01-59.jpg)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अरुणाचल प्रदेश सरकार अब बांस से एथनॉल बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रही है। राज्य में जैव-ईंधन उत्पादन को बढ़ावा देने और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के विकल्प तैयार करने के लिए सरकार ने देश का पहला निजी सेक्टर का 2जी (सेकंड जनरेशन) एथनॉल प्लांट लगाने की योजना बनाई है। इस प्लांट में कच्चे माल के रूप में मुख्य रूप से बांस का इस्तेमाल किया जाएगा, जो राज्य में बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। इस पहल से न केवल ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे और बांस की खेती को व्यावसायिक रूप से नई पहचान मिलेगी। इसकी जानकारी राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री ओजिंग तासिंग ने दी है।
पर्यावरण को होगा फायदा
मंत्री ओजिंग तासिंग ने बताया कि ये कदम स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के राज्य के संकल्प का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि बांस का इस्तेमाल एथनॉल बनाने में किया जाएगा, जिससे ना सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए मौके भी मिलेंगे।ये ऐलान तासिंग ने एक सम्मेलन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दी। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी जानकारी दी।
राज्य में बांस की भरपूर मात्रा
तासिंग ने इस प्रोजेक्ट को ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि ये सिर्फ टेक्नोलॉजी की प्रगति नहीं है, बल्कि भारत में क्लीन एनर्जी बदलाव में अरुणाचल प्रदेश की अहम भूमिका को भी दर्शाता है। ओजिंग तासिंग ने कहा कि राज्य में बांस की भरपूर मात्रा है, और इसका इस्तेमाल टिकाऊ
विकास की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।