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गुजरात, वाईबीएन नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 3 मार्च को गुजरात के गिर में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक के बाद कई अहम घोषणाएं कीं। इस बैठक में वन्यजीवों के संरक्षण और संबंधित मुद्दों पर गहरी चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर सहमति बनी। यह बैठक विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर आयोजित की गई थी, जिससे इस आयोजन की अहमियत और भी बढ़ गई।
There have been significant deliberations and outcomes during the meeting of the National Board for Wildlife held in Gir today, which is also #WorldWildlifeDay!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 3, 2025
This includes:
Laying the foundation stone of a National Referral Centre for Wildlife at Junagadh.
Announcement of… pic.twitter.com/nrp2T97W1r
जूनागढ़ में वन्यजीवों के लिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की स्थापना
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर जूनागढ़ में वन्यजीवों के लिए एक राष्ट्रीय रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी। यह केंद्र वन्यजीवों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और उनकी देखभाल के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
2025 में एशियाई शेरों की आबादी का अनुमान
प्रधानमंत्री ने 2025 में एशियाई शेरों की आबादी का अनुमान लगाने की घोषणा की। इससे शेरों की स्थिति और उनके संरक्षण के प्रयासों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
मानव-पशु संघर्ष पर केन्द्रित उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना
कोयंबटूर के एसएसीओएन में मानव-पशु संघर्ष से निपटने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र प्रौद्योगिकी और अन्य उन्नत तरीकों का उपयोग कर मानव-पशु संघर्ष को कम करने में मदद करेगा।
शेरों के संरक्षण के लिए 2900 करोड़ रुपये का आवंटन
प्रधानमंत्री मोदी ने अगले दशक में शेरों के संरक्षण के लिए 2900 करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन की घोषणा की। यह कदम शेरों की घटती आबादी को बचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
प्रौद्योगिकी का उपयोग और सामुदायिक भागीदारी पर जोर
पीएम मोदी ने जंगल की आग और मानव-पशु संघर्ष को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने एआई जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की आवश्यकता पर विचार किया। इसके साथ ही, उन्होंने सामुदायिक भागीदारी को वन्यजीव संरक्षण में अहम बताया और स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
नदी में रहने वाली डॉल्फिन के संरक्षण पर चर्चा
यह बैठक नदी में रहने वाली डॉल्फिन की आबादी का अनुमान लगाने की रिपोर्ट जारी करने के लिए महत्वपूर्ण रही। प्रधानमंत्री ने डॉल्फिन के संरक्षण के प्रयासों पर भी जोर दिया और डॉल्फिन के आवास क्षेत्रों में स्कूली बच्चों के लिए एक्सपोजर विजिट आयोजित करने की सलाह दी।
फ्रंटलाइन वन कर्मचारियों के लिए मोटरसाइकिलों को हरी झंडी
बैठक के बाद, प्रधानमंत्री ने वन कर्मचारियों की गतिशीलता बढ़ाने के लिए मोटरसाइकिलों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने क्षेत्र स्तर के कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की, जिनमें अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी, इको गाइड और ट्रैकर्स शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वन्यजीवों के संरक्षण में हर भारतीय की भूमिका महत्वपूर्ण है,और स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी से ही इन प्रयासों को सफलता मिल सकती है।