Advertisment

प्रयागराज में बवाल: चंद्रशेखर को रोके जाने पर पत्थरबाजी, पुलिस-प्रशासन की गाड़ियों में तोड़फोड़

उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों समेत कई और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। भीड़ आर्मी चीफ समर्थकों ने विरोध जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। करछना के इटौसी गांव में जाने की अनुमति न मिलने पर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया और पथराव किया।

author-image
Mukesh Pandit
violence
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

प्रयागराज, वाईबीएन डेस्क। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद को प्रयागराज में हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद करछना क्षेत्र में तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए। उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियों समेत कई और गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की। भीड़ आर्मी चीफ समर्थकों ने विरोध जताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। करछना के इटौसी गांव में जाने की अनुमति न मिलने पर प्रदर्शन करते हुए जमकर हंगामा किया और पथराव किया।

Advertisment

दलित परिवार से मिलने जा रहे थे आजाद

सांसद चंद्रशेखर आजाद अपने कार्यकर्ताओं के साथ इटौसी गांव में दलित युवक के परिवार से मिलने जा रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उन्हें यात्रा की इजाजत नहीं दी और सर्किट हाउस में ही रोक दिया। नाराज समर्थकों ने करछना के भडेवरा बाजार में पुलिस और प्रशासनिक वाहनों पर पत्थरबाजी की। उपद्रवियों ने एसडीएम करछना की गाड़ी समेत कई अन्य सरकारी और निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया।

Advertisment

उपद्रवियों के खिलाफ कारवाई

DCP विवेक चंद्र यादव ने कहा, "आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के आगमन को लेकर पास के गांव में लोग एकत्र हुए थे। उसके बाद उपद्रवियों ने वहां मौजूद पुलिस बल पर पथराव किया और वाहनों में तोड़फोड़ की... अब स्थिति सामान्य है। यहां पर्याप्त पुलिस मौजूद है। उपद्रवियों के खिलाफ बेहद सख्त धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। CCTV फुटेज के जरिए अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ NSA और गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी..

Advertisment

आमने सामने हुए पुलिस और प्रदर्शनकारी

कहा जा रहा है कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं जिसमें भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और भीम आर्मी के 17 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि वह कौशांबी जिले में 8 साल की बच्ची के साथ हुए कथित दुष्कर्म के मामले में पीड़िता के परिजनों से मिलने जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन उन्हें राजनीतिक दबाव में रोक रहा है और यह उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। प्रशासन का पक्ष है कि जिले में धारा 144 लागू है और सांसद जिस संख्या में लोगों के साथ मौके पर पहुंच रहे थे, उससे कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता था। इसलिए उन्हें कौशांबी जाने से रोका गया।

Advertisment

अपनी मांग पर अड़े हैं आजाद

उधर, सर्किट हाउस में रोके जाने के बाद चंद्रशेखर आजाद और उनके समर्थकों ने वहीं धरना शुरू कर दिया। पुलिस अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर हम एक पीड़िता से भी नहीं मिल सकते तो फिर न्याय की उम्मीद किससे करें?” कौशांबी मामले की जांच प्रतापगढ़ से आई एसआईटी कर रही है और इसकी निगरानी आईजी प्रयागराज कर रहे हैं। इस घटना के बाद राजनीतिक माहौल और अधिक गर्मा गया है और भीम आर्मी समर्थकों में नाराजगी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है

 

 

Advertisment
Advertisment