पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुक्रवार सुबह पानी पीकर अपना अनशन समाप्त कर दिया। पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ से कहा कि डल्लेवाल ने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तितर-बितर कर दिया है और सभी अवरुद्ध सड़कों व राजमार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है।
न्यायालय ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा
पीठ ने डल्लेवाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वह एक सच्चे किसान नेता हैं जिनका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। पीठ ने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि कुछ लोग किसानों की शिकायतों का समाधान नहीं चाहते हैं। हम स्थिति से अनभिज्ञ नहीं हैं। हम सब कुछ जानते हैं।’ इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से जमीनी हालात पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। साथ ही, किसानों की शिकायतों पर विचार करने के लिए गठित उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति को एक पूरक स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने का निर्देश दिया।
अवमानना की कार्रवाई पर लगाई रोक
न्यायालय ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी रोक दी, क्योंकि उन्होंने डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के शीर्ष न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया था। 19 मार्च को पुलिस ने सरवन सिंह पंधेर और डल्लेवाल सहित कई किसान नेताओं को उस समय कथित रूप से हिरासत में लिया था, जब वे चंडीगढ़ में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल से बैठक के बाद लौट रहे थे।
किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर डाले हुए थे डेरा
पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर से किसानों और अस्थायी ढांचों को हटा दिया। जिसके बाद शंभू-अंबाला और संगरूर-जींद राजमार्गों पर वाहनों का आवागमन फिर से शुरू हो गया। किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए थे। जब सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया था।