Advertisment

114 साल के धावक Fauja Singh को टक्‍कर मारने वाला NRI गिरफ्तार, बरामद की फॉर्च्‍यूनर

जालंधर में 114 वर्षीय धावक फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले कार चालक, NRI अमृतपाल सिंह ढिल्लों को 15 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी हाल ही में कनाडा से लौटा था और करतारपुर के दासूपुर गांव का निवासी है।

author-image
Suraj Kumar
Fauja singh
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। पंजाब के जालंधर में रहने वाले 114 साल धावक फौजा सिंह को टक्‍कर वाले कार ड्राइवर को मंगलवार, 15 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी NRI अम्रतपाल सिंह ढिल्लों करतारपुर के दासूपुर गांव के रहने वाला है। अमृतपाल सिंह 8 दिन पहले ही कनाडा से लौटा है। पंजाब पुलिस ने आरोपी से फॉर्च्‍यूनर (PB 20C 7100)बरामद की है। विगत रात उसे भोगपुर थाने लाया गया था, जहां उससे पूछताछ हुई। बता दें कि दुनिया के सबसे उम्रदराज धावक फौजा सिंह की 14 जुलाई को जालंधर के निजी अस्‍पताल में मौत हो गई। 

NRI अमृतपाल सिंह ढिल्लों ने कपूरथला निवासी से खरीदी थी फॉर्च्यूनर गाड़ी

जालंधर के SSP हरविंदर सिंह विर्क द्वारा गठित एक विशेष टीम ने संदिग्ध गाड़ियों की जांच के दौरान कुछ वाहनों की सूची तैयार की थी। इसी सूची में शामिल एक फॉर्च्यूनर गाड़ी की पहचान मंगलवार देर शाम हो गई। जांच में सामने आया कि यह गाड़ी कपूरथला के अठौली गांव निवासी वरिंदर सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है। जानकारी सामने आने के बाद जालंधर पुलिस की टीम कपूरथला रवाना हुई और वरिंदर सिंह से पूछताछ की। पूछताछ में वरिंदर ने बताया कि यह गाड़ी उसने कनाडा से आए एक NRI, अमृतपाल सिंह ढिल्लों को बेची थी। अमृतपाल के पिता का निधन हो चुका है, उसकी तीन बहनें हैं और उसकी मां कनाडा में ही रहती हैं।

सैर करते समय वाहन ने मारी टक्‍कर 

छोटे बेटे हरविंदर सिंह के अनुसार, फौजा सिंह दोपहर 3 बजे खाना खाने के बाद नियमित सैर के लिए घर से निकले थे। उस समय हरविंदर घर पर मौजूद नहीं थे। हाईवे पर टहलते समय कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उन्हें सिर, छाती और पसलियों पर गंभीर चोटें आईं। परिवार ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां शुरुआत में उनकी हालत में कुछ सुधार दिखा और उन्होंने खुद सिर के नीचे हाथ भी रखा था। लेकिन जब उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, तो उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। शाम लगभग 6 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फौजा सिंह के पास इंग्लैंड की नागरिकता थी और वे कोरोना के बाद विदेश बहुत कम जाते थे। वर्तमान में वह जालंधर के ब्यास पिंड में अपने बेटे हरविंदर सिंह और बहू के साथ रह रहे थे। उनके अन्य बेटे और बेटियाँ यूके और कनाडा में रहते हैं। सभी के लौटने के बाद तीन दिन बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। आदमपुर थाने के एसएचओ हरदेव सिंह ने बताया कि फौजा सिंह के बेटे द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। मामले की जांच जारी है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

Advertisment

80 साल की उम्र में की नई शुरुआत

पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास गांव में 1911 में जन्मे फौजा सिंह ने 80 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया। 1990 के दशक में वे इंग्लैंड चले गए और बेटे के साथ इलफोर्ड में रहने लगे। 1992 में पत्नी और बड़ी बेटी के निधन तथा 1994 में बेटे कुलदीप की एक निर्माण दुर्घटना में मौत ने उन्हें गहरे सदमे में डाल दिया। इन दुखद घटनाओं ने उन्हें जीवन में नया मकसद तलाशने के लिए प्रेरित किया और 1995 में उन्होंने फिर से दौड़ने का संकल्प लिया। 89 साल की उम्र में उन्होंने पेशेवर ट्रेनिंग शुरू की। पहले दिन जब वे रेडब्रिज, एसेक्स में ट्रेनिंग के लिए पहुंचे, तो तीन-पीस सूट पहनकर आए थे। कोच को न सिर्फ उनकी फिटनेस पर काम करना पड़ा, बल्कि कपड़ों की समझ भी बदलनी पड़ी। 90 की उम्र में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दौड़ना शुरू किया और 2000 में लंदन मैराथन को सफलतापूर्वक पूरा किया।

Advertisment
Advertisment