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देहरादून, वाईबीएन डेस्क:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया एवं अन्य सदस्यों के समक्ष राज्य की वित्तीय परिस्थितियों, विकास आवश्यकताओं और पर्यावरणीय चुनौतियों को विस्तार से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की "ईको सर्विस लागत" को ध्यान में रखते हुए "इनवॉयरमेंटल फेडरललिज्म" की भावना के अनुरूप राज्य को उपयुक्त क्षतिपूर्ति देने का आग्रह किया। उन्होंने "कर-हस्तांतरण" में वन आच्छादन का भार 20 प्रतिशत तक बढ़ाने और वन संरक्षण हेतु विशेष अनुदान देने का भी सुझाव दिया।
सीएम धामी ने विशेष बजट प्रावधान की आवश्यकता पर बल दिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कुल क्षेत्रफल का 70 प्रतिशत से अधिक भाग वनों से आच्छादित है, जिससे विकास कार्यों पर प्रतिबंध के साथ-साथ संरक्षण हेतु अधिक व्यय करना पड़ता है। उन्होंने वर्ष 2010 में औद्योगिक पैकेज समाप्त होने के बाद राज्य को हुई कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए पर्वतीय क्षेत्रों के लिए विशेष बजट प्रावधान की आवश्यकता पर बल दिया।
उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय में हुई वृद्धि
धामी ने राज्य की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय में 11.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है और बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में उत्तराखंड अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री ने जल स्रोतों के पुनर्जीवन हेतु "भागीरथ एप" की जानकारी दी और इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के लिए विशेष अनुदान की मांग की। साथ ही गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के कारण जल विद्युत परियोजनाओं पर पड़े असर का उल्लेख करते हुए प्रभावित परियोजनाओं की क्षतिपूर्ति की मांग की।
आयोग 31 अक्टूबर तक केंद्र को रिपोर्ट सौंपेगा
डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि उत्तराखंड ने विभिन्न क्षेत्रों में तेज विकास किया है और राज्य की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आयोग विचार करेगा। उन्होंने बताया कि आयोग 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा। बैठक में आयोग के सदस्यगण, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। Pushkar Singh Dhami | CM Pushkar Singh Dhami