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हैदराबाद,आईएएनएस
तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के ढह चुके हिस्से के अंदर फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रविवार को बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने में जुटी हुई हैं। बताया जा रहा है कि 150 कर्मियों वाली चार टीमें शनिवार, 23 फरवरी को रात से ही बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।
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42 श्रमिक सुरंग से बाहर आ गए
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें सुरंग में उस जगह पहुंच गई हैं, जहां शनिवार,22 फरवरी को खुदाई के दौरान सुरंग की छत ढह गई थी। श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के हिस्से के रूप में खोदी जा रही सुरंग का एक हिस्सा डोमलपेंटा के पास ढह गया था। इस हादसे में दो श्रमिक घायल हो गए और आठ अन्य फंसे हुए हैं। पता चला है कि जब सुरंग में तीन मीटर की दूरी पर छत गिरी, उस समय कुल 50 व्यक्ति बाईं तरफ की सुरंग पर काम कर रहे थे। यह दुर्घटना 14वें किमी बिंदु पर हुई। हालांकि, हादसे के बाद 42 श्रमिक सुरंग से बाहर आ गए, शेष आठ वहीं फंस गए। सुरंग में फंसे हुए लोगों में दो इंजीनियर और दो मशीन ऑपरेटर शामिल हैं।
#WATCH | Nagarkurnool, Telangana: Rescue operations being carried out inside the Srisailam Left Bank Canal (SLBC) tunnel as a portion of the tunnel near Domalpenta collapsed yesterday. At least eight workers are feared trapped.
— ANI (@ANI) February 23, 2025
(Source: Irrigation and Civil Supply Minister Uttam… pic.twitter.com/XzAvagy5zA
लगभग तीन फीट पानी जमा हो गया
लोको ट्रेन से ग्यारहवें किलोमीटर तक पहुंची एनडीआरएफ की टीम को वहां पानी और कीचड़ मिला है। सुरंग में लगभग तीन फीट पानी जमा हो गया था। इसके बाद एनडीआरएफ कर्मी पैदल ही आगे बढ़े और उस बिंदु के करीब पहुंचे, जहां सुरंग की छत धंस गई थी। हालांकि, इस दुर्घटना में सुरंग खोदने वाली मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सुरंग की छत और मिट्टी से निकले पानी ने मशीन को 80 मीटर तक पीछे धकेल दिया है। साथ ही मशीन के दोनों तरफ पानी और कीचड़ भी जमा हो गया है, जिससे बचाव अभियान में परेशानी आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक, बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के लिए पानी को पंप करके बाहर निकालना होगा और कीचड़ को साफ करना होगा।
इससे पहले, एनडीआरएफ की तीन टीमें विजयवाड़ा से दुर्घटनास्थल पर पहुंची थीं, जबकि चार टीमें हैदराबाद से पहुंची हैं। इसके अलावा भारतीय सेना, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की टीमें और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान भी बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। बता दें कि सुरंग में फंसे मजदूर झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के हैं। इस बीच, तेलंगाना के राज्य के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी, जिला कलेक्टर जुपल्ली कृष्ण रेड्डी, पुलिस अधीक्षक और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
निर्माण फर्म ने चार दिन पहले काम शुरू
वहीं, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने घटना पर दुख व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि सरकार पीड़ितों के परिवारों को हर संभव मदद देगी।बता दें कि राज्य सरकार ने लंबित परियोजना को पूरा करने के लिए हाल ही में सुरंग के निर्माण कार्य को फिर से शुरू किया था। निर्माण फर्म ने चार दिन पहले काम शुरू किया था और शनिवार सुबह 50 श्रमिक काम के लिए सुरंग में गए थे।
सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के बाद सुरंग पर काम शुरू किया गया था। उन्होंने मीडिया को बताया कि जिस कंपनी को काम के लिए रखा गया था, उसका सुरंग खोदने का अच्छा रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह सुरंग में काम शुरू होने के तुरंत बाद ही उसमें पानी घुसने लगा और मिट्टी धंसने लगी। उन्होंने कहा, "बाहर आए श्रमिकों के मुताबिक, उन्होंने एक विस्फोट की आवाज सुनी, जो एक भूगर्भीय गड़बड़ी हो सकती है।"वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात की और घटना के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने उन्हें बताया कि बचाव कार्यों के लिए एनडीआरएफ की टीम को तुरंत तैनात किया जाएगा और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।