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Kubereshwar Dham में भगदड़, दो महिलाओं की मौत, कई श्रद्धालु घायल

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले स्थित कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान मची भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई और दर्जनभर श्रद्धालु घायल हो गए। यह घटना सावन के महीने में अत्यधिक भीड़ के कारण हुई।

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Ranjana Sharma
The girl will be safe only if her navel is covered controversial statement by narrator Pradeep Mishra
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सीहोर, वाईबीएन डेस्कमध्य प्रदेश के सीहोर जिले स्थित प्रसिद्ध कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। रुद्राक्ष वितरण के दौरान भारी भीड़ के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

अव्यवस्था के चलते मची भगदड़

जानकारी के अनुसार, यह हादसा उस वक्त हुआ जब पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में दर्शन और रुद्राक्ष वितरण के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु, खासकर महिलाएं, एकत्रित हुई थीं। भीड़ के दबाव और अव्यवस्था के चलते भगदड़ मच गई। भगदड़ के कारण चार महिलाएं नीचे गिर गईं, जिनमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को नियंत्रण में लिया। धाम परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। सावन के महीने में कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य से कहीं अधिक होती है, जिससे भीड़ पर नियंत्रण रखना चुनौतीपूर्ण बन जाता है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और जिम्मेदारियों पर सवाल

इस हादसे पर समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से तीखी प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने आयोजक पंडित प्रदीप मिश्रा पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि "किसी भी आयोजन में हादसा होने की जिम्मेदारी आयोजकों की होती है।" साथ ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा और घायलों के उचित इलाज की मांग भी की गई।

राहत-बचाव कार्य जारी

सीहोर के विधायक सुदेश राय ने बताया कि घटना की जानकारी मुख्यमंत्री को दे दी गई है और राहत-बचाव कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से कावड़ यात्रियों की भारी आमद के कारण भीड़ काफी बढ़ गई थी, जिसके चलते हादसा हुआ। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने भी इस घटना पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि "हर बार ऐसे धार्मिक आयोजनों में व्यवस्थाएं क्यों फेल हो जाती हैं? मरता हमेशा गरीब ही है, किसी नेता का बेटा नहीं।" उन्होंने सरकार से ऐसी घटनाओं पर सख्त नजर रखने की मांग की।

पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना

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गौरतलब है कि कुबेरेश्वर धाम में भगदड़ का यह पहला मामला नहीं है। 16 फरवरी 2023 को भी रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और चार लोग लापता हो गए थे। अगले दिन 17 फरवरी को एक तीन साल के बच्चे की भी मौत हुई थी। तब प्रशासन को आयोजन रोकना पड़ा था।

प्रशासन अलर्ट मोड में, कांवड़ यात्रा कल

एडिशनल एसपी सुनीता रावत ने बताया कि हादसा रुद्राक्ष वितरण के दौरान हुआ जब महिलाओं की लाइन में पीछे से धक्का लगने के कारण कई महिलाएं गिर गईं। प्रशासन अब पूरी तरह सतर्क है, क्योंकि कल यानी 6 अगस्त को पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली जानी है, जिसमें लाखों भक्तों के शामिल होने की संभावना है। धाम परिसर में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दिया गया है और भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष व्यवस्था की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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