बेंगलुरु, वाईबीएन। कर्नाटक विधानसभा में 18 भाजपा विधायकों का छह महीने का निलंबन विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने वापस ले लिया है। हनीट्रैप और मुस्लिम आरक्षण विधेयक पर हुए हंगामे के बाद यह कार्रवाई की गई थी। विधायकों ने घटना के लिए माफी मांगी और मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और विधानसभा अध्यक्ष के साथ हुई मध्यस्थता बैठक में निलंबन रद करने का निर्णय लिया गया।
कर्नाटक विधानसभा में लंबे समय से चले आ रहे राजनीतिक गतिरोध को समाप्त करते हुए विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने सोमवार को भाजपा के 18 विधायकों का निलंबन रद कर दिया। यह फैसला एक सर्वदलीय मध्यस्थता बैठक के बाद लिया गया। बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष के वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
विधानसभा अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया कि सभी 18 विधायकों ने अपने पूर्व व्यवहार पर खेद जताया है। विपक्ष के नेताओं ने उन्हें एक याचिका सौंपकर विधायकों का निलंबन रद करने का अनुरोध किया था। खादर ने कहा, 'विधायकों ने खेद प्रकट किया है और विपक्ष ने भी यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसा व्यवहार दोहराया नहीं जाएगा।'
21 मार्च को भाजपा विधायकों ने किया था जोरदार हंगामा
इस पूरे विवाद की शुरुआत 21 मार्च को बजट सत्र के दौरान हुई, जब भाजपा विधायकों ने विधानसभा में हनीट्रैप कांड और मुसलमानों को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। भाजपा ने इन मुद्दों पर उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए आरक्षण विधेयक का विरोध किया था।
विरोध के दौरान भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष की ओर कागज फाड़कर फेंके और 'हनीट्रैप सरकार' के नारे लगाए। इस व्यवहार को 'पीठ का अपमान' मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई कर 18 विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
सहमति से निलंबन वापस लेने का निर्णय लिया गया
विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, विधानसभा उपाध्यक्ष रुद्रप्पा लमानी, नेता प्रतिपक्ष आर अशोक और कानून मंत्री एचके पाटिल शामिल हुए। बैठक में सभी पक्षों की सहमति से निर्णय लिया गया कि विधायकों का निलंबन रद किया जाए।
निलंबित किए गए विधायकों में डॉ. अश्वथ नारायण, मुनिरत्ना, डोडना गौड़ा पाटिल, ब्यराती बसवराज, बीपी हरीश, डॉ. भरत शेट्टी, यशपाल सुवर्ण, एसआर विश्वनाथ, चंद्रू लमानी, चन्नाबसप्पा, बसवराज मत्तीमुदा सहित कुल 18 विधायक शामिल थे।