राजस्थान के अजमेर में ईद-उल-फितर का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। केसरगंज स्थित ईदगाह में नमाज अदा करने के बाद अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने लोगों को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि अल्लाह का एहसान है कि हमने एक महीने के रोजे रखे और अब ईद मना रहे हैं। हमारी खुशकिस्मती है कि हम हिंदुस्तान जैसे गंगा-जमुनी तहजीब वाले देश में रहते हैं। यहां कल चेटीचांद और नवरात्रि मनाई गई, आज ईद हो रही है। यही हमारी ताकत है।
वक्फ बिल में बदलाव जरूरी
उन्होंने सभी देशवासियों को तीनों पर्वों की शुभकामनाएं दीं। नसीरुद्दीन ने वक्फ बिल संशोधन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि वक्फ बिल में बदलाव जरूरी था, लेकिन कुछ लोग इसे समझ नहीं पा रहे और विरोध कर रहे हैं। हो सकता है उन्हें कुछ हिस्सों से दिक्कत हो। जब यह संसद में आएगा, तो बहस होगी और सब साफ हो जाएगा। उनका मानना है कि यह बिल वक्फ की संपत्ति को सुरक्षित करेगा और पारदर्शिता लाएगा। उन्होंने कहा, “लोगों को गुमराह करने की कोशिश हो रही है कि मस्जिदें या कब्रिस्तान छिन जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। यह शरीयत का मामला नहीं, बल्कि वक्फ को बेहतर तरीके से चलाने का सवाल है।”
हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान सब सुरक्षित
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने रमजान में गरीब मुसलमानों तक मदद पहुंचाई। इससे वे ईद की खुशियों में शामिल हुए और उनकी दुआएं भी मिलीं। यह अच्छी पहल है। वहीं, योगी आदित्यनाथ के बयान मुसलमानों के बीच हिंदू सुरक्षित नहीं पर नसीरुद्दीन ने असहमति जताई। उन्होंने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं। हिंदुस्तान में हिंदू-मुसलमान सब सुरक्षित हैं। यह गंगा-जमुनी तहजीब का देश है। यह योगी जी का निजी विचार हो सकता है। नसीरुद्दीन ने देश की एकता को जरूरी बताया। उन्होंने कहा “हमारा मुल्क मिलजुल कर तरक्की कर रहा है। यहां सभी मजहब के लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। यही हमारी पहचान है।