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Tanakpur-Bageshwar Railway Line को मिली रफ्तार, केंद्र ने मांगी राज्य से औपचारिक सहमति

टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन परियोजना को लेकर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार से औपचारिक सहमति मांगी है। लगभग 170 किलोमीटर लंबी यह प्रस्तावित रेल लाइन कुमाऊं क्षेत्र के लिए विकास की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है।

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Ranjana Sharma
CM Pushkar Singh Dhami

CM Pushkar Singh Dhami Photograph: (Google)

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देहरादून, वाईबीएन डेस्क: उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना अब जमीन पर उतरने की दहलीज पर पहुंच गई है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर काम शुरू करने से पहले उत्तराखंड सरकार से औपचारिक सहमति पत्र देने का आग्रह किया है। राज्य सरकार भी अब इस दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है और जल्द ही औपचारिक पत्र केंद्र को भेजने की तैयारी की जा रही है।

परियोजना का पूरा हुआ फाइनल सर्वे

करीब 170 किलोमीटर लंबी यह रेललाइन परियोजना टनकपुर से शुरू होकर बागेश्वर तक पहुंचेगी, जो पहाड़ के एक बड़े हिस्से को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। इस परियोजना का फाइनल लोकेशन सर्वे (FLS) पहले ही पूरा हो चुका है और अब यह केंद्र और राज्य सरकार के बीच सहमति की अंतिम औपचारिकताओं पर निर्भर है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस परियोजना को प्राथमिकता देने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव को समस्त प्रशासनिक और कानूनी औपचारिकताएं शीघ्र पूरी करने को कहा है। उनका कहना है कि राज्य सरकार इस परियोजना के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, क्योंकि यह कुमाऊं क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।

टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना क्यों है महत्वपूर्ण?

इस रेललाइन के बन जाने से न केवल पहाड़ी जिलों में परिवहन सुविधा का विस्तार होगा, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था, पर्यटन और रोजगार के नए द्वार भी खोलेगी। टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन के जरिए भविष्य में कर्णप्रयाग-बागेश्वर को जोड़ने की संभावना भी बनती है, जिससे गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित किया जा सकता है।

राज्य में तेजी से विकसित हो रहा रेल नेटवर्क

टनकपुर-बागेश्वर परियोजना के साथ-साथ उत्तराखंड में अन्य प्रमुख रेल परियोजनाओं पर भी कार्य तेजी से हो रहा है। इनमें प्रमुख रूप से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन शामिल है, जिसे सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस परियोजना पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है और इसे 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के पूरा होने से चारधाम यात्रा को नया आयाम मिलेगा और देश के प्रमुख शहरों से सीधे रेल संपर्क संभव हो सकेगा।

नई रेल परियोजनाएं भी पाइपलाइन में

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टनकपुर-बागेश्वर और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग के अतिरिक्त, केंद्र सरकार राज्य सरकार के अनुरोध पर दो और महत्वपूर्ण रेल मार्गों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करवा रही है:

ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेललाइन: यह लाइन गंगोत्री धाम तक रेल पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित है, जिससे चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम बनाया जा सकेगा।

देहरादून-सहारनपुर रेललाइन: यह 81 किमी लंबी प्रस्तावित लाइन शाकुंभरी देवी मंदिर मार्ग से होकर गुजरेगी और हर्रावाला स्टेशन तक पहुंचेगी। इस परियोजना में 11 किमी लंबी सुरंग भी शामिल है, जो इसे तकनीकी रूप से विशेष बनाती है।

यह बोले सीएम धामी 

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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में रेलवे परियोजनाओं पर केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन और प्रस्तावित नई लाइनों के जरिए उत्तराखंड के दूरस्थ पर्वतीय इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। हम सभी औपचारिकताएं तेज़ी से पूरी कर रहे हैं। CM Pushkar Singh Dhami,

CM Pushkar Singh Dhami
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