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MP News: ट्रैफिक जाम से हाहाकार! 32 घंटे तक फंसे रहे 4000 से ज्यादा वाहन फंसे, तीन की मौत

मध्य प्रदेश में इंदौर-देवास सिक्स लेन बायपास पर 32 घंटे तक जाम लगा रहा। 4,000 से अधिक वाहन फंसे रहे। भीषण जाम के कारण तीन लोगों की जान चली गई।

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Pratiksha Parashar
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indore dewas jam (2)

सोर्स- सोशल मीडिया

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्कइंदौर से देवास के बीच बने सिक्स लेन बायपास पर 32 घंटे तक भीषण ट्रैफिक जाम लगा रहा, जिससे हाहाकार मच गया। करीब 8 किलोमीटर लंबे इस जाम में लगभग 4,000 वाहन 32 घंटे तक फंसे रहे। इस भीषण जाम की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई। दो लोगों ने हार्ट अटैक के चलते जान गंवा दी, वहीं एक कैंसर से पीड़ित मरीज की ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मौत हो गई।

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जाम की वजह और स्थिति

यह जाम मुख्य रूप से ब्रिज निर्माण के कारण हुआ। इस निर्माण कार्य के तहत मुख्य सड़क को बंद कर दिया गया था और ट्रैफिक को टूटी-फूटी सर्विस लेन पर डायवर्ट कर दिया गया। लेकिन यह सर्विस लेन भारी वाहनों के लिए बनी नहीं थी। भारी ट्रकों, ट्रालियों और बसों के चलते यह सड़क कमजोर पड़ गई और कई जगह धंस गई। इस कारण वाहनों की रफ्तार बेहद धीमी हो गई। इसके अलावा मांगलिया से सांवेर जाने वाला एक वैकल्पिक मार्ग भी बंद था, जिससे ट्रैफिक का दबाव और बढ़ गया। वाहन चालकों के पास जाम से बचने के लिए कोई दूसरा रास्ता नहीं था। हाईकोर्ट ने पिछले साल नवंबर में NHAI अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे बायपास की स्थिति सुधारें, लेकिन सात माह बीतने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

प्रशासन की लापरवाही

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जाम के बीच जहां हजारों वाहन फंसे रहे, वहीं प्रशासन और पुलिस का रवैया निराशाजनक रहा। इस जगह पर व्यवस्था संभालने के लिए केवल चार पुलिसकर्मी तैनात थे, जो ट्रैफिक नियंत्रण के बजाय वीडियो बनाने और बाइक पर बैठकर बातचीत में व्यस्त दिखे। प्रशासन ने न तो समय पर सर्विस रोड ठीक किए और न ही आसपास के गांवों से डायवर्सन बनाए, जिससे जाम की स्थिति और गंभीर हो गई।

जानलेवा जाम: तीन मौतें

इस भीषण जाम की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई। बिजलपुर के 62 वर्षीय किसान कमल पांचाल अपनी बहन की तेरहवीं में शामिल होने के लिए इंदौर से देवास आ रहे थे। इसी बीच उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया। वहीं, गारी पिपल्या के 32 वर्षीय गार्ड संदीप पटेल को भी हार्ट अटैक आया। संदीप के चाचा सतीश पटेल ने बताया कि संदीप की तबीयत अचानक खराब हुई, और वे मांगलिया अस्पताल पहुंचे लेकिन वहां से इंदौर रेफर कर दिए गए। रास्ते में दो बार जाम के कारण तीन घंटे फंसने के बाद उनकी सांसें टूट गईं।

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कैंसर पीड़ित की मौत

तीसरी दुखद घटना कैंसर पीड़ित 55 वर्षीय बलराम पटेल की है। उनके परिजन उन्हें कार में लेकर अस्पताल ले जा रहे थे। इंदौर से देवास आते वक्त उनके ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया। देवास में दूसरा सिलेंडर लगाया गया, लेकिन बायपास के जाम में कार फंस गई। कार में फिर से ऑक्सीजन खत्म हो गई और जब परिजन मांगलिया तक पहुंच सके, तो अस्पताल ले जाते-ले जाते बलराम ने दम तोड़ दिया। इलाज के बाद शव ले जाते हुए परिजन को भी जाम में दो घंटे फंसे रहना पड़ा।

कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

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दिक्कतें अपार थीं। यात्री बसों में महिलाएं और बच्चे ज्यादा प्रभावित हुए। कई बार 1 किलोमीटर का सफर तय करने में 7 घंटे से अधिक समय लग गया। स्कूल बसें, एंबुलेंस और निजी वाहन सभी जाम में फंसे रहे। अस्पताल जाने वाली एंबुलेंसें भी इस जाम के कारण रुक-रुक कर चल रही थीं, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ गई। इस घटना को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। 

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