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अब्बास अंसारी को कोर्ट ने हेट स्पीच में दोषी ठहराया, सख्त सजा का खतरा

मऊ विधायक अब्बास अंसारी को 2022 चुनाव में भड़काऊ भाषण देने पर कोर्ट ने दोषी ठहराया। मुख्तार अंसारी के बेटे को IPC 153A और 505(1)(b) के तहत दोषी पाया गया। सजा पर बहस 5 जून को होगी। जानिए पूरा मामला।

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Ajit Kumar Pandey
MLA ABBAS
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा झटका। सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी दोषी करार। चुनाव प्रचार के दौरान दिए भड़काऊ भाषण का मामला। मऊ की अदालत ने सुनाया फैसला, सजा पर बहस जारी। अब्बास, मुख्तार अंसारी के बेटे, को सख्त सजा का खतरा।

उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को साल 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। मामले की सुनवाई के बाद मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया। अब सजा पर बहस 5 जून को होगी।

उत्तर प्रदेश की सियासत में हेट स्पीच का एक और मामला सुर्खियों में आ गया है। मऊ सदर से विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराया है। साल 2022 में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने ऐसा भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने सरकारी अधिकारियों को चुनाव के बाद "लाइन से निपटने" की धमकी दी थी। इस बयान ने उस वक्त भी हलचल मचा दी थी और अब कोर्ट के फैसले ने एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है।

यह मामला अब्बास अंसारी की एक रैली से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने मंच से कहा था, "अब अफसरों से मिलने की ज़रूरत नहीं, चुनाव के बाद हिसाब किया जाएगा।" यह भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और इसके बाद तत्कालीन चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन ने FIR दर्ज की। IPC की धारा 153A और 505(1)(b) के तहत केस दर्ज हुआ।

"लाइन से निपटने" की दी थी धमकी

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मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के आधार पर अब्बास अंसारी को दोषी पाया। कोर्ट ने माना कि उनके बयान से समाज में वैमनस्यता फैलने का खतरा था और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने वीडियो फुटेज और गवाहों के बयान प्रस्तुत किए, जिन्हें कोर्ट ने विश्वसनीय माना।

अब्बास अंसारी को दोषी ठहराने के बाद कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए अगली तारीख 5 जून तय की है। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि उन्हें जेल की सजा होती है या फिर कोई और दंड दिया जाता है। इस फैसले का असर उनकी विधायकी पर भी पड़ सकता है, क्योंकि हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए गए जनप्रतिनिधियों की सदस्यता रद्द हो सकती है।

यह मामला उत्तर प्रदेश में नेताओं द्वारा दिए जाने वाले भड़काऊ भाषणों पर न्यायपालिका की सख्ती का संकेत भी है। इससे पहले भी कई नेताओं पर ऐसे केस दर्ज हो चुके हैं, लेकिन सजा कम ही हुई है। अब्बास अंसारी का मामला इस पैटर्न को तोड़ता नजर आता है।

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अब्बास अंसारी की छवि एक तेजतर्रार युवा नेता की रही है, लेकिन उनके पिता मुख्तार अंसारी की छवि एक कुख्यात अपराधी की रही है। इस पृष्ठभूमि ने इस केस को और ज्यादा राजनीतिक बना दिया है। कोर्ट के इस फैसले से उनकी राजनीतिक भविष्य पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

क्या आप नेताओं के भड़काऊ भाषणों पर सख्त सजा के पक्ष में हैं? नीचे कमेंट करके अपनी राय जरूर बताएं।

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