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"धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश: Agra में 14 गिरफ्तार, 'मिशन अस्मिता' के पीछे की हकीकत"

आगरा में 'मिशन अस्मिता' के तहत बड़ा धर्मांतरण रैकेट बेनकाब! 14 गिरफ्तार, जबरन धर्म परिवर्तन का खुलासा। जुनैद कुरैशी, सलीम सहित कई आरोपी दबोचे गए। प्यार के नाम पर लड़कियों का ब्रेनवॉश कर धर्म बदला जा रहा था। पुलिस की जांच जारी, और भी बड़े खुलासे संभव।

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Ajit Kumar Pandey

"धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश: Agra में 14 गिरफ्तार, 'मिशन अस्मिता' के पीछे की हकीकत" | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । आगरा में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है, जहां 'मिशन अस्मिता' के तहत लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। पुलिस ने अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी सलीम भी शामिल है। यह गिरोह लड़कियों का ब्रेनवॉश कर उन्हें दूसरे धर्म में परिवर्तित कर देता था।

आगरा में चल रहे इस धर्मांतरण रैकेट ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिला दिया है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के मुताबिक, यह मामला दो लापता लड़कियों से शुरू हुआ, जिनकी तलाश 'मिशन अस्मिता' के तहत की जा रही थी। साइबर थाने की गहन जांच के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए। लड़कियों को बहला-फुसलाकर, इमोशनल ब्लैकमेल कर और कई बार जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। यह सिर्फ आगरा तक सीमित नहीं, इसके तार दिल्ली और फिरोजाबाद तक फैले हुए हैं।

ममता की आपबीती : 'मुझे मजबूर किया गया'

इस मामले में रोहतक की रहने वाली ममता नाम की एक लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दिया, वो दिल दहला देने वाला है। ममता ने साफ कहा कि उसे जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। इसी बयान के आधार पर पुलिस ने जुनैद कुरैशी को दिल्ली से गिरफ्तार किया। जुनैद ने ममता से गलत तरीके से शादी की थी। यह खुलासा इस बात का सबूत है कि कैसे मासूम लड़कियों को टारगेट किया जा रहा था।

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जुनैद, अब्दुल्ला और रहीम : परत-दर-परत खुलते राज!

जुनैद कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को इस रैकेट के बारे में और अहम जानकारियां मिलीं। दिल्ली के रहने वाले अब्दुल्ला और उसके बेटे अब्दुल रहीम को भी गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में इन लोगों ने कई चौंकाने वाले राज उगले। इन्होंने बताया कि इस पूरे धर्मांतरण मिशन को सलीम नाम का शख्स चला रहा था, और उसके जाने के बाद ये लोग उसकी कमान संभाल रहे थे। यह दिखाता है कि यह कोई छोटा-मोटा गिरोह नहीं, बल्कि एक सुनियोजित नेटवर्क था।

सलीम: इस खेल का असली मास्टरमाइंड

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पुलिस ने जिस शख्स को इस पूरे धर्मांतरण रैकेट का मास्टरमाइंड बताया है, वो है फिरोजाबाद का रहने वाला सलीम। सलीम की गिरफ्तारी इस मामले में एक बड़ी सफलता है। पुलिस के मुताबिक, सलीम ही इस पूरे मिशन अस्मिता के पीछे का मुख्य व्यक्ति था। वह लड़कियों को अपने जाल में फंसाने और उनका धर्म परिवर्तन कराने का पूरा खेल संचालित करता था। उसकी गिरफ्तारी से इस रैकेट की कमर टूट सकती है।

'मिशन अस्मिता' की पड़ताल जारी : 14 गिरफ्तारियां, और भी होंगी?

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अब तक कुल 14 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया है कि आगे की कार्रवाई जारी है। यह दिखाता है कि पुलिस इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है। इस तरह के अवैध धर्मांतरण के मामले समाज में अशांति फैलाते हैं और लड़कियों के जीवन को बर्बाद कर देते हैं। पुलिस का 'मिशन अस्मिता' इन लड़कियों को बचाने और ऐसे अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है।

समाज पर असर : विश्वास का संकट और सुरक्षा का सवाल

इस तरह के धर्मांतरण रैकेट समाज में विश्वास का संकट पैदा करते हैं। जब प्यार के नाम पर धोखे और जबरदस्ती की घटनाएं सामने आती हैं, तो रिश्तों पर से भरोसा उठने लगता है। लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा होता है। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपने बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें और उन्हें ऐसे जालसाजों से कैसे बचाएं। सरकार और पुलिस के साथ-साथ, समाज को भी आगे आना होगा ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

आगरा में अवैध धर्मांतरण का यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और 14 गिरफ्तारियां सराहनीय हैं, लेकिन इस समस्या की जड़ तक पहुंचना अभी बाकी है। 'मिशन अस्मिता' की सफलता तभी होगी जब ऐसी घटनाएं पूरी तरह से रुक जाएं और कोई भी लड़की ऐसे धोखेबाजों का शिकार न हो। हमें उम्मीद है कि पुलिस की जांच से इस पूरे रैकेट का पर्दाफाश होगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

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