लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
प्रदेश में अगले सत्र के लिए शराब और भांग की दुकानों का आवंटन लॉटरी सिस्टम से कर दिया गया है। नई आबकारी नीति के तहत पहली बार कंपोजिट शॉप का आवंटन किया गया है। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल के निर्देशन में गुरुवार को पहले चरण की ई-लॉटरी प्रक्रिया पूरी हुई। आबकारी विभाग के अनुसार, शराब की दुकानों के आवंटन के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे, जिसके बाद ई-लॉटरी के माध्यम से दुकानें आवंटित की गईं। इस बार की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
25,677 दुकानों का हुआ आवंटन
पहले चरण में कुल 25,677 शराब और भांग की दुकानें आवंटित की गईं। इसमें 15,906 देसी मदिरा दुकानें, 9,341 कंपोजिट शॉप, 430 मॉडल शॉप और 1,317 भांग की दुकानें शामिल हैं। सरकार का दावा है कि इस प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी रखा गया है। लखनऊ में ई-लॉटरी प्रक्रिया के जरिए 543 देसी शराब, 400 कंपोजिट शॉप, 56 मॉडल शॉप और 42 भांग की दुकानों का आवंटन किया गया। पहले चरण में दुकानों के आवंटन से सरकार को 4,278.80 करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस मिली है। 146 देसी शराब की दुकानें, 21 कंपोजिट शॉप, 142 भांग की दुकानें और 5 मॉडल शॉप का आवंटन दूसरे चरण में किया जाएगा।
उत्तराखंड आबकारी राजस्व में यूपी से आगे
उत्तराखंड आबकारी राजस्व के मामले में उत्तर प्रदेश से आगे निकल गया है। यूपी में पिछले साल शराब बिक्री से 43 हजार करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, जबकि इस बार सरकार का लक्ष्य 50 हजार करोड़ रुपये है। वहीं, उत्तराखंड में प्रति व्यक्ति आबकारी राजस्व 4 हजार 217 रुपये है, जबकि कुल राजस्व करीब 5 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
ई-लॉटरी प्रक्रिया कैसे होती है
ई-लॉटरी एक डिजिटल प्रणाली है जिसमें आवेदकों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाता है। आवेदकों को पंजीकरण स्लिप या आईडी कार्ड के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है। एक व्यक्ति को अधिकतम दो दुकानें आवंटित की जा सकती हैं, जो एक ही जिले में या अलग-अलग जिलों में हो सकती हैं।