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बेसिक शिक्षा मंत्री ने ग्रेटर नोएडा में हाईटेक विद्यालय का किया लोकार्पण
राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था में बड़े सुधार कर रही है। इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा के मथुरापुर दादरी में आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्राथमिक विद्यालय के नए भवन का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने विद्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों का व्यापक रूप से उन्नयन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है।
सभी विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए विद्यालयों को आधुनिक बनाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कुछ वर्षों पहले तक विद्यालयों की स्थिति काफी खराब थी-बुनियादी सुविधाओं का अभाव था, लेकिन अब सरकार की योजनाओं के अंतर्गत विद्यालयों को उच्च स्तर पर विकसित किया जा रहा है। 'ऑपरेशन कायाकल्प' के तहत प्रदेश के 1.3 लाख से अधिक विद्यालयों में आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे 1.57 करोड़ से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
परिषदीय विद्यालयों की आधुनिकता बढ़ी
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने नए विद्यालय भवन की सराहना करते हुए कहा कि अब सरकारी विद्यालय भी निजी स्कूलों के समकक्ष हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार केवल विद्यालय भवनों का आधुनिकीकरण नहीं कर रही, बल्कि शिक्षकों को भी नई तकनीकों और संसाधनों से सुसज्जित कर रही है ताकि वे विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दे सकें।
57 जिलों में सीएम मॉडल स्कूल की स्थापना
सरकार राज्य के 57 जिलों में 'सीएम मॉडल स्कूल' स्थापित कर रही है, जिनके लिए प्रति विद्यालय 30 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है। इन विद्यालयों में डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लासरूम और उन्नत सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। मंत्री ने बताया कि सरकार बच्चों को टैबलेट और डिजिटल संसाधन भी उपलब्ध करा रही है, ताकि वे तकनीकी रूप से सशक्त बन सकें। इस विद्यालय की एक विशेषता यह भी है कि यहाँ के कक्षाओं के नाम भारत की महान विभूतियों पर रखे गए हैं, जैसे वशिष्ठ कक्ष, विश्वामित्र कक्ष, द्रोणाचार्य कक्ष, और वाल्मीकि कक्ष। साथ ही, विद्यालय परिसर में वॉटर हार्वेस्टिंग प्रणाली भी स्थापित की गई है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।
छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा का अवसर
विद्यालय के कक्षाएँ स्मार्ट बोर्ड, उचित वेंटिलेशन, प्रकाश व्यवस्था और आधुनिक फर्नीचर से सुसज्जित हैं, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में लगातार प्रयासरत है कि किसी भी छात्र को संसाधनों की कमी के कारण अच्छी शिक्षा से वंचित न रहना पड़े। प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाकर हर छात्र को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।