लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
बलिया में फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में नौकरी कर रहे 15 कर्मियों के खिलाफ मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. विजयपति द्विवेदी ने सख्त कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। इस कार्रवाई के बाद विभागीय गलियारों में हड़कंप मच गया है। वहीं, संबंधित कर्मियों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी गई है और उन्हें अपने नियुक्ति संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन के लिए सात सदस्यीय समिति के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
गोपनीय जांच में हुआ बड़ा खुलासा
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अपनी तहरीर में बताया कि जिले के विभिन्न प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कुछ कर्मचारी फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी कर रहे थे और विभाग को धोखे में रखकर वेतन ले रहे थे। इस पर संदेह होने पर गोपनीय जांच कराई गई, जिसमें अनियमितताओं का खुलासा हुआ। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि संदिग्ध पाए गए कर्मचारी काफी समय से फरार चल रहे हैं। इस मामले में सीएमओ कार्यालय ने महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) से सत्यापन के लिए पत्राचार किया। सत्यापन के बाद स्पष्ट हुआ कि ये सभी कर्मी फर्जी अभिलेखों के आधार पर गलत तरीके से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त हुए थे।
इन कर्मचारियों पर हुआ मुकदमा दर्ज
फर्जीवाड़े में संलिप्त कर्मियों में चिलकहर, नरही, वसुधरपाह, बांसडीह, रेवती, बसंतपुर, खेजुरी, सुखपुरा समेत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात कर्मचारी शामिल हैं। इन पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित विभिन्न धाराओं में नगर कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तहरीर पर जिन कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, वे निम्नलिखित हैं: चंदा (चिलकहर), गीता यादव (नरही), उपेंद्र यादव (वसुधरपाह), जितेंद्र यादव (बांसडीह), संतोष कुमार (बांसडीह), अनिल कुमार (वसुधरपाह), अजय कुमार (रेवती), विकास यादव (बांसडीह), आशीष कुमार सिंह (बसंतपुर), अनिल (गनियर), संदीप कुमार (खेजुरी), शिवम यादव (जयप्रकाश नगर), विवेक कुमार (मनियर), अंकित कुमार (वसुधरपाह) और राहुल (सुखपुरा)।
जांच जारी, होगी कड़ी कार्रवाई
सीएमओ ने साफ किया है कि इस मामले में और भी दोषियों के नाम सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ऐसे फर्जी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस भी इस मामले में विस्तृत जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस पूरे फर्जीवाड़े में और कौन-कौन शामिल है।