लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। अब तकनीकी शिक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में अत्याधुनिक सुविधाओं की शुरुआत की जाएगी। इनमें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, स्मार्ट क्लासरूम, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं का उन्नयन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए विशेष केंद्रों की स्थापना जैसी पहल शामिल हैं। इसके अलावा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए साइंस सिटी, विज्ञान पार्क और नक्षत्रशालाओं की स्थापना की जाएगी।
तकनीकी संस्थानों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
प्रदेश में वर्तमान में 184 डिप्लोमा स्तर की तकनीकी संस्थाएं कार्यरत हैं, जहां छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही, 36 नए राजकीय पॉलिटेक्निक का निर्माण जारी है। अब तक 251 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जा चुके हैं, और उन्नत सुविधाओं से लैस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है। इसके अलावा, स्मार्ट क्लासरूम और प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए 10 करोड़ रुपये और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 1 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
कुशल युवा ही भविष्य की नींव
तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए 286 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में 1.90 लाख से अधिक सीटों पर युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनमें 47 विशेष महिला शाखाएं और 12 महिला आईटीआई संस्थान भी संचालित किए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि तकनीकी कौशल से सशक्त युवा ही प्रदेश और देश की आर्थिक प्रगति को गति देंगे।
ग्लोबल इंडस्ट्री के लिए तैयार हो रहे यूपी के युवा
प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को गति देने के लिए 50 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है। इसके तहत आगरा में 25 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सिटी और वाराणसी में 5 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सिटी व नक्षत्रशाला की स्थापना की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरती इंडस्ट्रीज के अनुकूल तैयार करना है।