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CM Yogi ने की रंगभरी होलिकोत्सव शोभायात्रा की अगुवाई, रंगों में सराबोर हुआ गोरखपुर शहर

ब्रज की लट्ठमार और लड्डू होली जितनी प्रसिद्ध है। उतनी ही खास गोरखपुर की भगवान नरसिंह रंगभरी शोभायात्रा भी मानी जाती है। इस वर्ष भी यह ऐतिहासिक यात्रा भव्यता के साथ निकाली गई।

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Abhishek Mishra
भगवान नरसिंह रंगभरी शोभायात्रा

सीएम योगी ने की रंगभरी होलिकोत्सव शोभायात्रा की अगुवाई

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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ब्रज की लट्ठमार और लड्डू होली जितनी प्रसिद्ध है। उतनी ही खास गोरखपुर की भगवान नरसिंह रंगभरी शोभायात्रा भी मानी जाती है। इस वर्ष भी यह ऐतिहासिक यात्रा भव्यता के साथ निकाली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में निकली इस शोभायात्रा ने पूरे शहर को रंगों के उत्सव में सराबोर कर दिया।

चारों ओर रंगों की बौछार

होली के दिन सुबह 8 बजे घंटाघर से शुरू हुई यह यात्रा शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। जैसे ही रथ आगे बढ़ा, चारों ओर रंगों की बौछार शुरू हो गई। हजारों की संख्या में श्रद्धालु अबीर-गुलाल उड़ाते हुए आगे बढ़ते रहे। रथ पर सवार गोरक्षपीठाधीश्वर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं का अभिवादन किया।

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रंगों में डूबा पूरा शहर

इस भव्य आयोजन में पूरे शहर ने उत्साह के साथ भाग लिया। छतों से महिलाओं और बच्चों ने श्रद्धालुओं पर गुलाल बरसाया, तो सड़कों पर खड़े लोग भी रंगों से सराबोर नजर आए। यह नजारा किसी धार्मिक पर्व से कम नहीं था। यात्रा जाफराबाजार, घासीकटरा, आर्यनगर, बक्शीपुर, रेती चौक, हिंदी बाजार होते हुए घंटाघर पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि कार्यक्रम निर्विघ्न संपन्न हो सके।

नानाजी देशमुख ने रखी थी परंपरा

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करीब सात दशक पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नानाजी देशमुख ने इस अनूठी परंपरा की शुरुआत की थी। तब से गोरक्षपीठ इसकी अगुआई करता आ रहा है। परंपरा के अनुसार, होली से एक दिन पहले "भक्त प्रह्लाद शोभायात्रा" भी निकाली जाती है, जिसमें फूलों की होली खेली जाती है।

महाकुंभ के बाद और भी खास हुआ आयोजन

इस वर्ष प्रयागराज के महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद गोरखपुर की यह होली और भी खास मानी जा रही थी। लोगों में इसे लेकर खासा उत्साह था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ इस परंपरा को निभाते आ रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा कारणों से अब वे पूरी यात्रा में शामिल नहीं होते, लेकिन शुभारंभ उनकी उपस्थिति में ही होता है। शाम को गोरखनाथ मंदिर में भव्य होली मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस आयोजन ने न केवल गोरखपुर की धार्मिक परंपरा को जीवंत किया बल्कि पूरे प्रदेश में गोरखपुर की होली की खास पहचान को और मजबूत कर दिया।

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