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सीएम योगी बोले-प्रशासनिक सफलता का प्रतीक है महाकुंभ 2025, विपक्ष को दुष्प्रचार की राजनीति से बचने की दी नसीहत

सीएम योगी ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की अद्वितीय धरोहर बताते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक विश्वस्तरीय प्रदर्शन है।

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Abhishek Mishra
Chief Minister Yogi Adityanath

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के आयोजन की भव्यता, प्रशासनिक सफलता और इससे जुड़ी विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की अद्वितीय धरोहर बताते हुए कहा कि यह केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक विश्वस्तरीय प्रदर्शन है।

महाकुंभ की भव्यता और प्रशासनिक व्यवस्थाएं

प्रयागराज के हिमालयन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जो न केवल आस्था का पर्व है, बल्कि सनातन धर्म की विशिष्टता का प्रतीक है। इस बार महाकुंभ की भव्यता अभूतपूर्व रही, जिसमें सभी जातियों और धर्मों के लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की संस्कृति और सभ्यता का आदर्श प्रस्तुत करता है और पूरे विश्व के आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को आकर्षित करता है।

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पूर्ववर्ती कुम्भ आयोजनों से तुलना

मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 1954, 1974 और 1986 के कुम्भ आयोजनों में भगदड़ और दुर्घटनाओं के मामले सामने आए थे, जबकि इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि इस बार 56 करोड़ श्रद्धालुओं को त्रिवेणी संगम में स्नान करने का अवसर मिला, जो महाकुंभ की सफलता का प्रतीक है।

वीआईपी कल्चर पर विपक्ष को कड़ा जवाब

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सीएम योगी ने विपक्ष द्वारा लगाए गए वीआईपी कल्चर के आरोपों का कड़ा खंडन किया। उन्होंने कहा कि जो लोग खुद वीआईपी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं, वही महाकुंभ के आयोजन को लेकर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर महाकुंभ केवल विशिष्ट व्यक्तियों के लिए होता, तो इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस आयोजन में भाग नहीं ले पाते।

मौनी अमावस्या की घटना पर प्रशासन की तत्परता

मौनी अमावस्या के दिन हुई दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की, जिससे स्थिति जल्दी नियंत्रण में आ गई। उन्होंने बताया कि 36 घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया और 30 श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु हुई, जिसमें से 29 की पहचान कर ली गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन द्वारा पहले से ही होल्डिंग एरिया और पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की गई थी, जिससे भीड़ नियंत्रण में मदद मिली और बड़ा हादसा टल गया।

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संतों और श्रद्धालुओं की भूमिका

सीएम योगी ने संत समाज और श्रद्धालुओं की अनुशासन और संयम की सराहना की। उन्होंने कहा कि संतों ने प्रशासन के साथ मिलकर अमृत स्नान को व्यवस्थित ढंग से आयोजित करने में सहयोग किया। संतों और श्रद्धालुओं की संयमशीलता ने महाकुंभ को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विपक्ष को दिया संदेश

मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के दुष्प्रचार की निंदा करते हुए कहा कि महाकुंभ का आयोजन पूरी धार्मिक परंपरा के साथ हुआ और यह एक ऐतिहासिक सफलता है। उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ हद तक प्रहसन चलता है, लेकिन इसे राजनीति का रूप देना अनुचित है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से नसीहत दी कि महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजनों को राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

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