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CM Yogi बोले-देश का सबसे अधिक स्मार्ट सिटी विकसित करने वाला राज्य बना यूपी, रोजगार-उद्यमिता को मिल रहा बढ़ावा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान राज्य के समग्र विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है

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Abhishek Mishra
सीएम योगी

विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान बोलते सीएम योगी

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान राज्य के समग्र विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि प्रदेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने विभिन्न योजनाओं और उनके लिए किए गए बजटीय प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की।

तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी समाज की समृद्धि के आधार हैं। इसी उद्देश्य से सरकार प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में आधारभूत ढांचे के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये आवंटित कर रही है। स्मार्ट स्कूलों की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पीएम श्री योजना के तहत 580 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। तकनीकी शिक्षा को उन्नत बनाने के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक विषयों की पढ़ाई के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसके अलावा, वाराणसी और आगरा में साइंस सिटी और नक्षत्रशाला की स्थापना के लिए भी धनराशि आवंटित की गई है।

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रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर

सरकार प्रदेश के हर जिले में रोजगार के नए अवसर विकसित करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है। इसी क्रम में, प्रत्येक जिले में 100 एकड़ में एक विशेष 'आर्थिक ज़ोन' विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, 10 वस्त्र उद्योग पार्क और 2 लेदर पार्क स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को न्यूनतम 16 हजार से 18 हजार रुपये मासिक वेतन देने की योजना बनाई गई है, जिसे पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए एक नया आउटसोर्सिंग कॉरपोरेशन गठित किया जाएगा। वहीं, कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए 427 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार

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राज्य सरकार हर जिले में डायलिसिस, एमआरआई और सिटी स्कैन जैसी स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत कर रही है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में केवल 12 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जबकि वर्तमान में इनकी संख्या 44 हो गई है। निजी क्षेत्र को मिलाकर यह आंकड़ा 80 तक पहुंच गया है। साथ ही, बलिया, बरेली और बलरामपुर में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है।

शहरी और ग्रामीण विकास को नया आयाम

उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक स्मार्ट सिटी विकसित करने वाला राज्य बन गया है। सरकार ने 125 नए नगर निकाय गठित किए हैं और 10 स्मार्ट सिटी केंद्र सरकार के सहयोग से तथा 7 स्मार्ट सिटी राज्य सरकार की ओर से विकसित की जा रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं को सशक्त करने के लिए हर ग्राम पंचायत में उत्सव भवन का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 36 लाख से अधिक घर बनाए जा चुके हैं, और इस वर्ष 4082 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। डिजिटल लाइब्रेरी, अंत्येष्टि स्थल और ग्रामीण स्टेडियम जैसी योजनाओं के लिए भी अलग-अलग धनराशि निर्धारित की गई है।

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पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त बनाने की पहल

प्रदेश सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर आस्था और अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास पर जोर दे रही है। इसी के तहत अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, बांके बिहारी मंदिर, मिर्जापुर, नैमिषारण्य और चित्रकूट के पर्यटन विकास के लिए विशेष बजट प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से न केवल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत सशक्त होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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