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कांग्रेस ने उठाया दलित उत्पीड़न का मुद्दा, सांसद तनुज पुनिया ने बुलाई प्रेस कॉन्फेंस

उत्तर प्रदेश में हाल ही के दिनों में हुई दलितों के साथ हिंसा को लेकर बुधवार को कांग्रेस प्रदेश कार्यालय पर तनुज पुनिया ने प्रेस कांफ्रेंस की।

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Mohd. Arslan
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कांग्रेस कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस करते तनुज पुनिया

कांग्रेस कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस करते तनुज पुनिया Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अनुसूचित जाति विभाग के चेयरमैन और सांसद तनुज पुनिया ने यूपी में दलितों पर हो रहे अत्याचार और उनके उत्पीड़न के मामलों को लेकर भाजपा सरकार को घेरा है। पुनिया ने बुधवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर NCRB के आंकड़े पेश किए और हाल ही में प्रदेश में घटी दलितों के साथ हिंसा के मुद्दे को उठाया।

दलितों के खिलाफ सबसे ज़्यादा यूपी में मामले

सांसद तनुज पुनिया ने प्रेसवार्ता की शुरूआत मशहूर कवि अदम गोंडवी की लाइनों से शुरू करते हुए कहा कि ‘‘तुम्हारी फ़ाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है’’, मगर ये आँकड़ें झूठे हैं ये दावा किताबी है’’। ‘‘उधर जम्हूरियत का ढोल पीटे जा रहे हैं वो’’, इधर पर्दे के पीछे बर्बरीयत है, नवाबी है’’। तनुज पुनिया ने कहा कि प्रदेश में दलितों के खिलाफ बर्बरीयत बढ़ती जा रही है। सच तो यह है कि योगी सरकार में दलित होना अपराध हो गया है। उन्होंने कहा कि एन.सी.आर.बी. के आकड़ों के मुताबिक प्रदेश में दलितों के खिलाफ अपराध बढ़त जा रहे हैं। एन.सी.आर.बी. के हालिया आकड़े जो दिसंबर 2023 में आए थे। उनके मुताबिक पूरे देश में दलितों के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गये। 

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NCRB के आंकड़े किए पेश

पुनिया ने बताया कि वर्ष 2022 में अनुसूचित जातियों के लिए कानून के तहत 51656 मामलों में से उत्तर प्रदेश में 12287 मामले दर्ज हुए थे। तनुज पुनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ जो जघन्य अपराध हो रहे हैं वो तो न सिर्फ बदस्तूर जारी हैं, बल्कि बढ़ते जा रहे हैं और दुर्भाग्य देखिए कि जो सामाजिक अपराध होने बंद हो चुके थे, वह इस सरकार में पुनः होने लगे हैं। जैसे किसी दलित की बारात न उठने देना, दूल्हे का घोडे़ चढ़ने पर एतराज, मूंछ रखने न देना मगर आकंण्ठ दलितों के खिलाफ नफरत में डूबी सरकार में इस तरह के अपराध आए दिन होेने लगे हैं। 

दलित दूल्हे की बारात पर हमला

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उन्होंने कहा कि अभी मेरठ के कालिंदी गांव में 1 मार्च 2025 को गांव की ठाकुर बिरादरी के दबंगों द्वारा दलित की बारात पर हमला किया गया। दूल्हे के भाई संदीप को पीटा गया, दूल्हे को अपमानित कर सोने की अंगूठी, ब्रेसलेट और कैश लूट लिया गया। दबंग भाजपा की झंडा लगी हुई गाड़ी से आए थे जो बरातियों में से कई लोगों को अपमानित और घायल कर गए। गांव में एक माह पहले भी प्रजापति परिवार की बारात के लोगों को भी दबंगों द्वारा पीटा गया था। 

मथुरा की घटना का किया जिक्र

पुनिया ने कहा कि ऐसी ही एक घटना 21 फरवरी 2025 को मथुरा के करनावल गांव में हुई जहां पर राजस्थान के डींग जिले के खेड़ा गांव से दो दलित युवकों की बारात आई थी। दुल्हनें ब्यूटी पार्लर से घर लौट रही थीं, तभी बाइक सवार कुछ युवकों से विवाद हो गया। इसके बाद दबंगों ने अपने साथियों के साथ मिलकर दुल्हन और बारातियों के साथ मारपीट की। हमलावरों ने दूल्हे के पिता का सिर फोड़ दिया, जिसके बाद दूल्हा पक्ष रिश्ता तोड़कर वापस लौट गया।

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यूपी में हाल ही में हुई दलितों के साथ घटनाओं को गिनाया

इसके बाद पुनिया ने कहा कि अभी हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश में दलितों के खिलाफ कुछ प्रमुख अपराध की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि 1 मार्च को जिला कासगंज के सिकंदरपुर वैश्य थाना अंतर्गत दबंगों द्वारा एक दलित परिवार के व्यक्ति की हत्या कर दी गई। रायबरेली के डलमऊ थाना क्षेत्र के रजौली गांव में एक दलित युवती को गांव के तीन युवकों ने तमंचे की नोक पर अगवा करके दुष्कर्म किया और बेहोशी की हालत में युवती को नग्न अवस्था में घर के बाहर फेंक कर भाग गए। जनपद कासगंज जिले के थाना सहावर क्षेत्र में दलित युवाओं के सीने पर जाटव लिखा देखकर जातिवादी मानसिकता से ग्रसित दबंग गुंडो ने उनकी बर्बरता पूर्वक पिटाई की। संभल के एसएम डिग्री कॉलेज में प्राचार्य ने दलित महिला असिस्टेंट प्रोफेसर से जबरन शारीरिक शोषण किया। सहसपुर देवबंद थाना क्षेत्र के ग्राम भापला खुर्द में एक 12 वर्षीय दलित बालक प्रिंस का अपहरण करने के बाद सिर कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। 31 जनवरी को एक दलित लड़की की जघन्य हत्या अयोध्या के सहनवान में हुई।

69 हज़ार शिक्षक भर्ती का मुद्दा याद दिलाया

तनुज पुनिया ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा के शासनकाल में एक तरफ जहां दलित अपनी राजी -रोटी के लिए परेशान हैं वहीं दूसरी तरफ संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण पर भी इस सरकार की कुदृष्टि है। 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में जिस प्रकार आरक्षण के नियमों का उल्लंघन हुआ और कोर्ट के दो-दो आदेशों के बावजूद सरकार द्वारा उनका पालन न करना दलित एवं आरक्षण विरोधी मंशा को उजागर करता है। पुनिया ने कहा कि दलितों के हितों का झूठा दावा करने वाली यह सरकार न तो उन्हें रोजगार दे पाई, न सुरक्षा दे पाई और न ही उनकी अस्मिता बचा पाई।

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