लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं सोमवार 26 फरवरी से शुरू हो रही हैं। इस बार सरकार ने परीक्षाओं को पारदर्शी, सुरक्षित और नकलविहीन बनाने के लिए व्यापक तैयारी की है। इस वर्ष की परीक्षा में छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि वे बिना किसी तनाव के परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें। विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान प्राथमिक उपचार और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के दौरान आने वाली मानसिक चुनौतियों से निपटने में मदद करना है।
स्वास्थ्य और काउंसलिंग सुविधाओं की व्यवस्था
सरकार के निर्देशों के अनुसार सभी परीक्षा केंद्रों पर स्वास्थ्य और काउंसलिंग सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रत्येक केंद्र पर आपातकालीन चिकित्सा किट और प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, मेडिकल स्टाफ और प्राथमिक चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है, जिसे विशेष प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।
परीक्षा केंद्र पर उपलब्ध होंगे प्रशिक्षित मनोचिकित्सक
मानसिक दबाव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मनोचिकित्सकों द्वारा परामर्श देने की व्यवस्था की है। परीक्षा के दौरान छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ सकता है, जो कभी-कभी गंभीर समस्याओं का रूप ले लेता है। इसलिए, प्रशिक्षित मनोचिकित्सक हर परीक्षा केंद्र पर उपलब्ध होंगे, जो छात्रों को तनाव, चिंता और अन्य मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन करेंगे। इससे न केवल छात्रों का मानसिक संतुलन बना रहेगा, बल्कि वे परीक्षा के दौरान बेहतर प्रदर्शन भी कर सकेंगे। महिला परीक्षार्थियों के लिए एक विशेष हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की गई है, जहां वे अपनी समस्याओं का समाधान आसानी से पा सकेंगी।
नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए मीडिया का सहयोग
सरकार ने इस बार नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए मीडिया का सहयोग लेने का निर्णय लिया है। मीडिया द्वारा लाइव कवरेज और रिपोर्टिंग के जरिए परीक्षा केंद्रों पर नियमित निगरानी रखी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि परीक्षा केंद्रों पर कोई भी अनुचित गतिविधि न हो और किसी भी तरह की अनियमितता पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। मीडिया के इस सहयोग से परीक्षा केंद्रों पर पारदर्शिता बढ़ेगी और छात्रों के लिए एक निष्पक्ष परीक्षा वातावरण तैयार होगा।
सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए उठाए गए कड़े कदम
इस बार परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार ने सुरक्षा के मामले में कोई भी कोताही न बरतने का निश्चय किया है।
सीसीटीवी निगरानी: सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की नकल या अनुचित गतिविधि की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
कंट्रोल रूम की व्यवस्था: एक केंद्रीय कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों की लाइव फीड देखी जा सकेगी, जिससे कहीं भी कोई अनियमितता होने पर तुरंत समाधान किया जा सके।
मजिस्ट्रेट की नियुक्ति: प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए स्टेटिक और सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है, जो केंद्रों की निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी परीक्षा केंद्र नियमों का उल्लंघन न करे।
संदिग्ध केंद्रों पर विशेष निगरानी: संदिग्ध परीक्षा केंद्रों पर विशेष सतर्कता बरती जाएगी, ताकि किसी भी तरह की नकल या अनुचित गतिविधियों को रोका जा सके।
बिजली आपूर्ति: परीक्षा के दौरान बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान न हो, इसके लिए विद्युत विभाग को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता
ऑनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम: अब सभी परीक्षार्थियों की पहचान ऑनलाइन वेरिफिकेशन के जरिए की जाएगी, जिससे फर्जी परीक्षार्थियों की पहचान की जा सकेगी और नकल की घटनाओं को रोका जा सकेगा।
"स्ट्रॉन्ग रूम" से जुड़ी निगरानी: सभी परीक्षा केंद्रों को "स्ट्रॉन्ग रूम" से जोड़ा जाएगा, जहां प्रश्न पत्रों की 24x7 निगरानी की जाएगी। यह कदम पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
वाटरमार्क और क्यूआर कोड: उत्तर पुस्तिकाओं पर वाटरमार्क और क्यूआर कोड की व्यवस्था की गई है, जिससे उत्तर पुस्तिकाओं की सत्यता सुनिश्चित हो सके औ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके।