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Kanpur Metro News : अंडरग्राउंड स्टेशनों पर 20 अनुभवी कंट्रोलर्स संभालेंगे जिम्मेदारी, खास होती है इनकी ट्रेनिंग

आईआईटी से मोतीझील के बाद अब आगे कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो का सफर करने को जल्द मिलने वाला है। मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) की अनुमति के बाद रूट में पड़ने वाले सभी पांच नए स्टेशनों पर 20 प्रशिक्षित और अनुभवी कंट्रोलर्स की तैनाती कर दी गई है।

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Abhishek kumar
कानपुर मेट्रो के दूसरे चरण में ट्रेन संचालन जल्द शुरू हो रहा है।

चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो स्टेशनों पर स्टाफ तैनात किया। Photograph: (वाईबीएन)

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कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क (Kanpur News)

आईआईटी से मोतीझील के बाद अब आगे कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक मेट्रो का सफर करने को जल्द मिलने वाला है। मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) की अनुमति के बाद रूट में पड़ने वाले सभी पांच नए स्टेशनों पर 20 प्रशिक्षित और अनुभवी कंट्रोलर्स की तैनाती कर दी गई है। कानपुर सेंट्रल तक यात्री सेवाओं के विस्तार से पूर्व मेट्रो का ऑपरेशन स्टाफ नई जिम्मेदारियों के लिए पूरी तरह कमर कस चुका है।

अंडरग्राउंड स्टेशनों पर तैनात होता खास स्टाफ

मोतीझील से कानपुर सेंट्रल तक पड़ने वाले 5 नए अंडरग्राउंड स्टेशनों में चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल शामिल हैं। अंडरग्राउंड स्टेशनों के लिए खास प्रशिक्षित स्टॉफ की तैनात की जाती है। इसके लिए नए स्टेशनों की मुख्य जिम्मेदारी 20 अनुभवी और प्रशिक्षित स्टेशन कंट्रोलर्स को दी गई। मेट्रो के स्टेशनों की जिम्मेदारी मुख्य रूप से स्टेशन कंट्रोलर या स्टेशन नियंत्रक के पास होती है। उनकी सहायता के लिए स्टेशन कंट्रोल रूम में तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं, जिनकी मदद से वे एक स्थान पर रहते हुए पूरे स्टेशन का नियंत्रण रख पाते हैं। यात्री सुरक्षा व सुविधा से जुड़े पहलुओं पर उनका विशेष ध्यान होता है। स्टेशन कंट्रोलर को तैनाती से पूर्व हर तरह की आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

किस-किस का दिया जाता है प्रशिक्षण

अंडरग्राउंड स्टेशनों में टनल वेंटीलेशन सिस्टम की कार्यप्रणाली, फायर अलार्म कंट्रोल पैनल, ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, लिफ्ट रेस्क्यू आदि विभिन्न परिस्थितियों और सिस्टम्स के बारे में स्टेशन कंट्रोलर व स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा समय-समय पर आपात परिस्थितियों में सुरक्षित यात्री निकासी, आतंक रोधी मॉक ड्रिल एवं फायर मॉक ड्रिल भी आयोजित किए जाते हैं। यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने और उनके साथ मित्रवत व्यवहार करने के लिए स्टेशन कंट्रोलर को सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग भी दी जाती है।यात्री सेवा में स्टेशन कंट्रोलर की सहायता के लिए प्रत्येक स्टेशन पर टॉम ऑपरेटर, सुरक्षा स्टाफ और हाउसकीपिंग स्टाफ भी होते हैं।

सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी कंपनी व यूपीएसएसएफ पर

कानपुर मेट्रो में सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी कंपनी और यूपीएसएसएफ के जवान मिलकर निभाते हैं। महिला यात्रियों की सहायता के लिए प्रत्येक स्टेशनों पर लेडिज गार्ड्स की भी नियुक्ति की गई है। हाउसकीपिंग कार्य की जिम्मेदारी के लिए पांचों स्टेशनों पर 50 से अधिक सफाई मित्र तैनात किए गए हैं। यात्रियों की टिकटिंग के लिए यात्री सेवा आरंभ होने के दिन से टॉम ऑपरेटर्स तैनात कर दिए जाएंगे। टॉम ऑपरेटर्स सामान्य टिकट के अलावा एनसीएमसी गो-स्मार्ट कार्ड भी इशू करते हैं। उन्हें टिकट वेंडिंग मशीन की भी ट्रेनिंग दी जाती है।

पीएम के कार्यक्रम के चलते डीएम ने लिया जायजा

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आईआईटी से मोतीझील के बाद अब कानपुर सेंट्रल तक मेट्रो संचालन का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम संभावित है। इसके लिए प्रशासन ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इस क्रम में सोमवार को जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने नया गंज मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया और जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।

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