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सुरेश खन्ना ने आठ लाख, 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख का बजट का पेश किया Photograph: (YBN)
योगी सरकार ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2025 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Suresh Khanna) ने रामचरितमानस की चौपाई के साथ बजट घोषणाओं की शुरुआत की। सुरेश खन्ना ने आठ लाख, 8 हजार 736 करोड़ 6 लाख का बजट का पेश किया है। यह बजट पिछली बार से 9.8 प्रतिशत अधिक है। बजट में लगभग 20.5 प्रतिशत हिस्सा विकास कार्यों और बड़ी परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। अवस्थापना विकास के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में छह प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए चार प्रतिशत और संसाधन आवंटित किये गये हैं। बजट में शोध, विकास और सूचना प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दिया है। विधानसभा को आधुनिक आईटी सिस्टम्स से लैस करने के लिये बजट में विशेष रूप से व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। यह प्रक्रिया आगे भी चलती रहेगी।
मेधावी छात्राओं को स्कूटी का तोहफा
बजट में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी छात्राओं को स्कूटी का तोहफा दिया गया। रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना के अन्तर्गत कॉलेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान किये जाने के लए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रदेश में चार नए एक्सप्रेसवे बनाये जायेंगे। लखनऊ में देश की पहली एआई सिटी विकसित की जायेगी। चलिए जानते हैं किस विभाग के हिस्से में क्या आया।
बजट में शिक्षा के लिए क्या
उच्च शिक्षा
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान : इस योजना के संचालन के लिए 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। है।
रानी लक्ष्मी बाई स्कूटी योजना : कालेज जाने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी प्रदान किये जाने के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना : इस योजना के तहत 100 करोड़ रूपये की धनराशि प्रस्तावित है।
मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय : मां विन्ध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार : प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है।
राजकीय महाविद्यालयों के निर्माण कार्य : निर्माणाधीन राजकीय महाविद्यालय भवनों को पूरा करने के लिए 52 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
प्राविधिक शिक्षा
-प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 184 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 36 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन हैं।
-राजकीय पालीटेक्निकों में 251 स्मार्ट क्लास रूम की स्थापना की जा चुकी है।
-राजकीय पॉलीटेक्निकों में नवीन टेक्नोलॉजी से सुसज्जित उन्नयन /सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लास रूम, प्रयोगशालाओं के नवीनीकरण हेतु 10 करोड रुपये एवं प्रदेश में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स शिक्षा हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना के लिये 1 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास
-प्रदेश में 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं, जिनमें 1,90,064 सीटें उपलब्ध हैं।
-47 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान महिलाओं के प्रशिक्षण हेतु विशेष शाखाएं संचालित कर रहे हैं, और 12 संस्थान पूरी तरह से महिलाओं के लिए समर्पित हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
-प्रदेश में विज्ञान पार्क, साइंस सिटी और नक्षत्रशालाओं की स्थापना के लिए ₹50 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
-आगरा में साइंस सिटी के लिए ₹25 करोड़ और वाराणसी में साइंस सिटी तथा नक्षत्रशाला के लिए ₹5 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
तीन करोड़ किसानों को मिला 80 हजार करोड़ का फंड
-प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत लगभग तीन करोड़ किसानों को लगभग 79.500 करोड रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी।
-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित किसानों को लगभग 496 करोड रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया।
-पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में किसानों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना करायी गयी।
-किसानों को दुर्घटनावश मृत्यु, दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना 14 सितम्बर, 2019 से लागू की गई है।
-किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने हेतु वर्ष 2017 से एसको एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अकुश लगा है।
-वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2.73. करोड़ रूपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया। यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्यं से 59.143 करोड रूपये अधिक है।
-औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रूपये प्रति कुमाल की दर से 43,304 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई। इसके लिये शोध सस्थानी के पेट्रानिक पात्रता हमारे परिश्रमी किसान भाई बधाई के पात्र है।
महिला एवं बाल विकास
ग्रामीण आजीविका मिशन : उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में 96 लाख से ज्यादा परिवारों की महिलाओं को जोड़ा गया है।
बीसी सखी योजना : गांवों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए बीसी सखी योजना चलाई जा रही है। इसके तहत 39,556 बीसी सखियों ने काम करते हुए अब तक 31,103 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन किया है और 84.38 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।
लखपति महिला योजना : इस योजना के तहत 31 लाख से अधिक महिलाओं को चिन्हित किया गया है। 2 लाख से अधिक महिलाएँ लखपति बन चुकी हैं।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना : इस योजना के तहत अब तक 1.86 करोड़ महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया जा चुका है। योजना के तहत लाभार्थियों को 2 मुफ्त सिलेंडर भी दिए जा रहे हैं।
महिला सामर्थ्य योजना : उत्तर प्रदेश में महिलाओं के स्वामित्व वाली प्रोड्यूसर कंपनियां बनाने के लिए यह योजना चलाई जा रही है।
बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण : बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु सह शिक्षा की व्यवस्था के बालिकाओं के लिए छात्रावास बनाए जा रहे हैं। मीना मंच और आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसी गतिविधियाँ की जा रही हैं। संवेदीकरण कार्यक्रमों के माध्यम से बालिकाओं को सशक्त बनाया जा रहा है।
युवा सशक्तिकरण की योजनाएं
-स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 49.86 लाखा स्मार्ट फोन, टैबलेट वितरित किये जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में इस योजना के तहत टैबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे।
-प्रतियोगी छात्रों को अपने घर के समीप ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना का संचालन किया जा रहा है।
-प्रधानमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सत्र 2024-25 में 54.833 अभ्यर्थियों को शिक्षुता प्रशिक्षण हेतु योजित किया गया।
-प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलका कराये जाने के उददेश्य से वर्ष 2024-2025 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना प्रारम्भ की गई है। यह अपने ता की पहली योजना है जिसमे
सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने हेतु युवाओं को गारण्टी मुक्त एवं ब्याज मुफ्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत प्रतिवर्ष 01 लाख नये सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना किये जाने का लक्ष्य है।
-इनोवेशन दिवस के अवसर पर यू० पी० स्टार्टअप संवाव और एक्सपो का आयोजन किया गया जिसमे प्रथम तीन स्टार्टअप्स को क्रमशः 01 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार का पुरस्कार तथा शेष 05 को 25-25 हजार रुपये का पुरस्कार प्रदान किया गया।
-प्रदेश में युवाओं को नवाचार से जोड़ने के लिए इनोवेशन फण्ड की स्थापना पर कार्य किया जा रहा है जिससे प्रदेश में स्टार्टअप ईकोसिस्टम विकसित हो सकेगा।
-पीआरडी स्वयं सेवकों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है तथा स्वयं सेवकों को लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार दिवस उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
ग्राम पंचायत स्तर पर गठित लगभग 80 हजार युवक एवं महिला मंगल दलों को प्रोत्साहन स्वरूप खेल सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है।
युवा सशक्तीकरण
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना : इस योजना के तहत अब तक 49.86 लाख स्मार्टफोन और टैबलेट बांटे जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष (2025-26) में भी टैबलेट वितरित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को उनके घर के पास ही कोचिंग सुविधा देने के लिए प्रदेशभर में यह योजना चलाई जा रही है।
प्रधानमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना : सत्र 2024-25 में 54,833 युवाओं को प्रशिक्षु (अप्रेंटिस) के रूप में जोड़ा गया है ताकि वे व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान : 2024-25 में शुरू की गई यह योजना युवाओं को खुद का व्यवसाय शुरू करने में मदद कर रही है। इस योजना के तहत गारंटी मुक्त और ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है, जिससे हर साल 1 लाख नए छोटे उद्योग स्थापित किए जाएंगे।
स्टार्टअप संवर्धन : इनोवेशन दिवस पर यूपी स्टार्टअप समिट और एक्सपो आयोजित किया गया, जिसमें शीर्ष 3 स्टार्टअप्स को क्रमशः 1 लाख, 75 हजार और 50 हजार रुपये का पुरस्कार मिला, जबकि 5 अन्य स्टार्टअप्स को 25-25 हजार रुपये दिए गए। प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने के लिए इनोवेशन फंड बनाया जा रहा है।
पीआरडी स्वयंसेवकों के लिए नई पहल : स्वयंसेवकों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है। लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार दिवस उपलब्ध कराए जाएंगे।
खेल और युवाओं को बढ़ावा : ग्राम पंचायत स्तर पर बने 80,000 युवक एवं महिला मंगल दलों को खेल सामग्री दी जा रही है ताकि वे खेलों में रुचि ले सकें।
रोजगार
-मनरेगा योजनान्तर्गत विगत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 26 करोड मानव दिवस लक्ष्य के सापेक्ष दिनांक 8 जनवरी, 2025 तक 27.40 करोड़ मानय दिवस का सृजन किया गया है तथा 3,13.076 परिवारों को 100 दिन का रोजगार प्रदान किया गया है। मानव दिवस सृजन एवं वित्तीय प्रगति में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
-मनरेगा योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में महिलाओं की सहभागिता 42 प्रतिशत है।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत विगत 6 वर्षों में 15.25 लाख युवाओं को निःशुल्क रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान कर 5.71 लाख युवाओं को रोजगार / स्वरोजगार से जोड़कर सेवायोजित किया गया।
अप्रेन्टिस योजना के अन्तर्गत अब तक 2,54,335 युवाओं को उद्योगों व एम.एस.एम.ई. में योजित किया गया।
एक जनपद एक उत्पाद वित्त पोषण योजनान्तर्गत वर्ष 2024-2025 में 17 दिसम्बर 2024 तक 1,838 लाभार्थियों को लाभान्वित कराते हुये लगभग 10,500 लाख रुपये की मार्जिन मनी वितरित की गयी तथा 34,500 रोजगार का सूजन हुआ।
* निवेश मित्र के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2024-2025 में माह नवम्बर, 2024 तक कुल 6.02.672 उद्यम पंजीकृत हुए जिराभ 59.04.048 रोजगारों का सूजन हुआ।
* वर्ष 2017 से दिसम्बर 2024 तक आरक्षी एवं समकक्ष, उप निरीक्षक एवं समकक्ष तथा लिपिक संवर्ग आदि के विभिन्न पदों पर कुल 1,56,206 भर्तियां की गयी। वर्तमान में अराजपत्रित श्रेणी के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती के 92,919 पदों पर भर्ती हेतु कार्यवाही प्रचलित है।
* लगभग 96 लाख एम.एस.एम.ई. इकाईयों की संख्या तथा 1.65 करोड लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश देश के सभी राज्यों में अग्रणी है।
श्रमिक कल्याण
मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत माह सितम्बर, 2024 तक 6.22.974 लाभार्थी हैं।
निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के अन्तर्गत माह सितम्बर, 2024 तक 41.453 लाभार्थी हैं।
कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत पंजीकृत श्रमिक के कुल 02 बालिकाओं के स्वजातीय विवाह की स्थिति में 55,000 रूपये तथा अन्तर्जातीय विवाह की स्थिति में 61,000 रूपये की रकम दिये जाने का प्राविधान है।
निर्माण कामगार गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत गम्भीर बीमारियों का इलाज सरकारी अस्पतालों में कराने पर इलाज के व्यय की शत- प्रतिशत प्रतिपूर्ति करायी जा रही है।
उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना / मुख्यमंत्री जन-आरोग्य योजना से आच्छादित कराये जाने की कार्यवाही की जा रही है।
आवासीय विद्यालय योजना प्रदेश के 12 जनपदों में संचालित है जिनमें प्रत्येक विद्यालय में 100-100 बालक एवं बालिकाओं को प्रवेशित किये जाने का प्रावधान है।
निर्माण श्रमिको के बच्चों को निशुल्क गुणवत्तापूर्ण एवं उद्देश्यपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में 360 बच्चों की दक्षमता वाला एक-एक अटल आवासीय विद्यालय स्थापित है। इन विद्यालयों की क्षमता मविष्य में बढ़ाकर 1000 प्रति विद्यालय किया जायगा।
वित्तीय समावेशन
वर्ष 2024-2025 में बैंकों द्वारा प्रदेश में ऋण वितरण हेतु तैयार की गयी वार्षिक ऋण योजनान्तर्गत द्वितीय मास तक 2.50 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरण बैंक के माध्यम से कराया गया है।
* वर्तमान में प्रदेश में बैंकों की 20,416 शाखायें, 4,00,932 बैंक मित्र एवं बी०सी०सखी तथा 18,747 ए०टी०एम० सहित कुल 4,40,095 बैंकिंग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिग सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही हैं।
* प्रधानमंत्री जनबन योजना के अन्तर्गत प्रदेश 9.57 करोड़ खातों के साथ देश में प्रथम स्थान पर है।
* प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 6.52 करोड नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
* प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 2.28 करोड़ नामांकन के साथ उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
* अटल पेंशन योजनान्तर्गत अब तक प्रदेश में 1.12 करोड़ नामांकन के साथ प्रदेश का उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है।
कानून व्यवस्था
किसी भी समाज के सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिये सुदृढ कानून व्यवस्था का होना पहली शर्त है। जब हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कार्यभार सम्भाला था उस समय प्रदेश किस प्रकार की विषम कानून व्यवस्था और गुण्डाराज की गिरफ्त में था यह सभी को मालूम है।
हमारे तेजस्वी मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्ग निर्देशन में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में अपराध के प्रति जीरा टॉलरेन्स की नीति अपनाते हुये गुण्ठों, माफियाओं और हर अपराध पेशा लोगों के विरुद्ध अभियान चला कर कार्यवाही की गयी-
कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें । लहर-लहर तूफान मिले और संग संग मझधार हुनें। फिर भी दिखलाया है हमने और आगे दिखा भी देंगे। इन हालातों में आता है दरिया करना पार हमें ।।
* अभियोजन की प्रक्रिया को सुदृढ बनाते हुये अपराधियों को विभिन्न न्यायालयों से सजा दिलाई गई। वर्ष 2017 से दिसम्बर 2024 तक प्रदेश के चिन्हित 68 माफिया अपराधियों के विचाराधीन अभियोगों में प्रभावी पैरवी कर 23 अभियोगों में 31 माफिया अपराधियों को आजीवन कारावास/ कारावास व अर्थदण्ड की सजा से दण्डित कराया गया है. जिसमें 02 को फांसी की सजा हुई है।
महिलाओं एवं नाबालिगों के विरुद्ध हुए अपराधों में 27.425 अभियोगों धौरको अधिनियम के 11.254 अभियोगों एवं दहेज हत्या की 3.775 अनियोगों में अभियुक्तों को राजा दिलायी गयी।
साइबर अपराध में प्रयुता 13.83.232 मोबाइल नम्बर क्लीक कराये गये (देश में प्रथम स्थान) वर्ष 2017 से दिनाक 31.12.2024 तक कुल
पंजीकृत 77,210 अभियोगों के सापेक्ष में 66,475 अभियोगों का निस्ता कर 43,202 अभियुक्तगणों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए रू0 320.89 करोड़ की धनराशि बरामद की गयी
* अपराधों पर अंकुश लगाये जाने की प्रभावी कार्यवाही के तहत दिनॉक 20 मार्च, 2017 से 23 जनवरी, 2025 तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों के दुर्दान्त अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही के दौरान कुल 221 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये एवं 8022 घायल हुये।
* वर्ष 2017 से पूर्व उ०प्र० मे मात्र 04 विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं स्थापित थीं। वर्ष 2017 के पश्चात 08 नये जनपद / मण्डल में विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना की गयी। जनपद अयोध्या, बस्ती, बाँदा, आजमगढ़, मीरजापुर एवं सहारनपुर में 06 नयी विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्थापना का कार्य प्रचलित है।
कारागार प्रशासन
* प्रदेश की 74 कारागारों एवं जनपद न्यायालयों में संचालित वीडियो कान्फ्रेन्सिंग इकाईयों से बन्दियों की रिमाण्ड की कार्यवाही हो रही है। कारागारों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु लगभग 4800 सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित हैं जिनकी फीड प्राप्त किये जाने हेतु मुख्यालय में वीडियो वॉल स्थापित है। 24 कारागारों में 3 जी क्षमता के 271 मोबाइल फोन जैमर स्थापित हैं।
आज से सात-आठ साल पहले प्रदेश में चिकित्सा सुविधायें अत्यन्त जर्जर अवस्था में थीं। प्रत्येक वर्ष प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संक्रमक रोगों से बड़े पैमाने पर मौतें हुआ करती थीं। प्रदेश रोगों की पहचान, रोकथाम और इलाज की व्यवस्थार्य जनमामान्य को उपलब्ध नहीं थीं। हमने कोविड वैश्विक बीमारी का दौर भी देखा जिसके दौरान प्रदेश में जिस कुशलता के साथ इस विभीषिका का सामना किया गया उसकी प्रशंसा विश्व स्तर पर की गई। आज प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का प्रसार जिस प्रकार हुआ है और लगातार हो रहा है यह अदभुत है-
रात कितनी ही भले हो स्याह आखिर में उसे, मात खानी ही पड़ेगी रोशनी के हाथ से।
चिकित्सा शिक्षा
* वर्तमान में प्रदेश में 80 मेडिकल कालेज हैं जिनमें 44 राज्य सरकार द्वारा संचालित है एवं 36 निजी क्षेत्र में है। प्रदेश में 02 एम्स एवं आई०एम०एस०, बी०ए०यू०, वाराणसी क्या जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ संचालित है। वर्ष 2024-2025 में 13 स्वाशासी चिकित्सा महाविद्यालय एवं पी०पी०पी० मोड पर 03 जनपदों-महाराजगंज, सम्भल तथा शामली में नदीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये गये हैं।
* वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों / चिकित्सा संस्थानों / विश्वविद्यालयों में एम०बी०बी०एस० की 11,800 सीटें तथा पी०जी० की 3971 सीटें उपलब्ध है। केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यू०जी०/पी०जी० हेतु कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इस हेतु लगभग 2066 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
* वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों मे सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थी. शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया।
* जनपद बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना हेतु क्रमशः 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
* आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत 5.13 करोड लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गये हैं। आयुष्मान कार्ड बनाने में पूरे देश में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।
* प्राथमिक स्वास्थ्य इकाईयों को आयुष्मान आरोग्य मन्दिर के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है। वर्तमान में कुल 22,681 आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्थापित है।
* उप केन्द्रों से टेलीकन्सलटेशन प्रारम्भ कर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने का आरम्भ जुलाई, 2020 से किया गया है।
प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पोषित पी०पी०पी० मोट पर निःशुल्क डायलिसिस सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही है।
* प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पी०पी०पी० मोड पर जनपदीय चिकित्सालयों में सी०टी० स्कैन की निःशुल्क सेवा उपलब्ध करायी जा रही हैं।
आयुष
* प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वर्तमान में 2110 आयुर्वेदिक, 254 यूनानी एवं 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालयों के साथ ही 08 आयुर्वेदिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय, 02 यूनानी कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय तथा 09 होम्योपैथिक कालेज एवं उनसे सम्बद्ध चिकित्सालय संवालित है।
वित्तीय वर्ष 2025-2020 महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय का निर्माण कार्य
पूर्ण किया जाना, जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज की स्थापना कराया जाना लक्षित है।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास
-राज्य सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफलतम आयोजन किया गया जिसमें लगभग 36 लाख करोड़ के निवेश के एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किया गया। उक्त समिट के एक वर्ष के अन्दर ही 6.50 लाख करोड से अधिक निवेश से या तो वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ हो गया है अथवा सम्बन्धित परियोजनायें निर्माणाधीन हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
-राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चार नये एक्सप्रेस-वेज के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वं का निर्माण कराया जायेगा जिसके लिये 900 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-गंगा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दीली होते हुये सोनभद्र से जोडने के लिये विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
-मेरठ को हरिद्वार से जोडने हेतु गंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
-बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
-बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना हेतु लगभग 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अन्तर्गत लगभग साढ़े नौ हजार करोड रुपये का निवेश अनुमानित
-लखनऊ में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स सिटी के विकास हेतु 5 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-साईबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रान्सलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना हेतु 3 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम
-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। एम.एस.एम.ई. सेक्टर एक महत्वपूर्ण रोजगार परक सेक्टर है इस प्रकार इन उद्यमों के विकास से जहाँ प्रदेश का समावेशी विकास होता है वहीं रोजगार सृजन की असीम सम्भावनाएं भी उत्पन्न होती हैं।
-प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से वर्ष 2024-2025 में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान प्रारम्भ किया गया है। योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2025-2026 के बजट में 1000 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 225 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग
-हथकरघा उद्योग कृषि क्षेत्र के बाद उत्तर प्रदेश का सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला विकेन्द्रीयकृत कुटीर उद्योग है। प्रदेश में लगभग 1.91 लाख हथकरघा बुनकर एवं लगभग 80 हजार हाउस होल्ट हैं। प्रदेश में 2.58 लाख पावरलूम कार्यरत हैं जिसके माध्यम से लगभग 5.50 लाख पावरलूम बुनकर अपना जीविकोपार्जन कर रहे है।
-पीएम मित्र योजना के अन्तर्गत टेक्सटाइल पार्क की स्थापना से सम्बन्धित व्यय हेतु 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-उत्तर प्रदेश वस्त्र गारमेन्टिंग पालिसी, 2022 के क्रियान्वयन हेतु 150 करोड रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है।
-अटल बिहारी बाजपेई पॉवरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना हेतु 400 करोट रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
खादी एवं ग्रामोद्योग
-प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को खादी एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की प्रबल सम्भावनाए
-मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजनाअन्तर्गत वर्ष 2025-2020 में ब्याज उपाधान गढ़ में समुचित व्यवस्था प्रस्तावित है जिसके अन्तर्गत 800 लाभार्थिया को बैंक ऋण उपलब्ध कराया जायेगा जिससे स्थापित
होने वाले नये उद्यमों के माध्यम से 16,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
-पं० दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सष्ठायता योजना हेतु 32 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के संचालन हेतु 11.50 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स
-उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति-2017 के अन्तर्गत 23.203 करोड रूपये तथा उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी नीति-2017 के अन्तर्गत 7,004 करोड़ रूपये का निवेश प्रदेश में हुआ है।
-प्रदेश सरकार की डाटा सेन्टर नीति के अन्तर्गत पूर्व लक्षित 03 डाटा सेन्टर पार्क्स के स्थान पर संशोधित नीति के अन्तर्गत प्रदेश में 30,000 करोड रूपये के अनुमानित निवेश से 08 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना तथा 900 मेगावॉट क्षमता का लक्ष्य रखा गया है।
-सेमीकण्डक्टर क्षेत्र में वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिये उ०प्र० सेमीकण्डक्टर नीति, 2024 प्रख्यापित की गई है। सेमीकण्डक्टर इकाईयों के लिये डेडीकेटेड प्रावधान आरम्भ करने वाला उत्तर प्रदेश चौथा राज्य है।
-राज्य में 8 स्टेट ऑफ आर्ट सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स के केन्द्रों की स्थापना के अन्तर्गत प्रथम सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स का केन्द्र मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में संजय गाँधी पोस्ट ग्रेजुएट इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइन्सेज में तथा आई.आई.टी. कानपुर नोएडा परिसर में आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स के क्षेत्र में एवं आई.आई.टी कानपुर परिसर में ड्रोन सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स स्थापित होकर परिचालनरत हो गये हैं।
सड़क एवं सेतु
-प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर तक का प्रदेश सरकार के लक्ष्य के दृष्टिगत प्रदेश में नॉर्थ साउथ कॉरिडोर के विकास हेतु मार्गों के चोटीकरण, सुदृढीकरण, निर्माण की योजना प्रारम्भ की गयी है जिसके लिये 200 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश में सेतुओं एवं रेल उपरिगामी अधोगामी संतुओं के निर्माण हेतु कुल 1450 करोड रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-राज्य राजमार्गो के चौटीकरण रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सुडीकरण कार्यों हेतु 2900 करोड
-राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3000 करोड रुपये तथा निर्माण हेतु 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश के ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण हेतु 2700 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।
-कृषि विपणन सुविधाओं हेतु ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिये 1600 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-शहर वासियों के आवागमन को सुगम बनाने के दृष्टिगत शहरों के बाईपास एवं रिंगरोड तथा चौराहों पर फ्लाईओवर आदि के निर्माण हेतु 1200 करोड रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-औद्योगिक / लॉजिस्टिक पार्क हेतु मार्गों के चौडीकरण/ सुदृढीकरण/निर्माण कार्य हेतु 800 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-मुख्यमंत्री ग्राम योजनान्तर्गत ग्रामीण मार्गों के नवनिर्माण / पुनर्निर्माण / मिसिंग लिंक के निर्माण हेतु नई योजना प्रारम्भ की जा रही है। इस योजना हेतु 200 करोड रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-सडक सुरक्षा के दृष्टिगत दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के सुधार, रोड सेपटी कार्यों एवं सौन्दयीकरण हेतु 250 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
सिंचाई-जल संसाधन विभाग
-मध्य गंगा नहर परियोजन स्टेज-2, कनहर सिंचाई परियोजना, महाराजगंज में रोहिन नदी बैराज के पूर्ण होने पर 4.74 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचन क्षमता सृजित होगी जिससे 6.77 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।
-विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण, 2100 नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन कार्यों से लगभग 2.38 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना होगी तथा लगभग 2.12 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।
-नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1300 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश के 1750 असफल नलकूपों के पुनर्निर्माण हेतु 200 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-डार्क जोन के असफल 560 नलकूपों के लिये लगभग 9 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा 1551 बाढ परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 32.87 लाख हक्टेगर क्षेत्र सुरक्षित हुआ है तथा करोटों की आबादी लाभान्वित हुई है।
नमामि गंगे-ग्रामीण जलापूर्ति
-प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त 2.67 करोड़ ग्रामीण परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर शुद्ध एवं सत्त पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। उक्त लक्ष्य के सापेक्ष 2.34 करोड़ घरों में क्रियाशील गृह नल संयोजन उपलब्ध कराया जा चुका है।
-पीने का पानी घर में उपलब्ध होने का महत्व वहीं समझ सकता है जिसके पास यह सुविधा नहीं हो और जिसके घर की महिलाओं, बच्चों को पीने के पानी के लिये दूर-दराज से पानी भरकर लाने के लिये रोज घर से निकलना पड़ता हो। घरों में नल से पानी उपलब्ध होने से इन परिवारों को बहुत बड़ी राहत मिली है
-कोई ना हो उदास तो समझो बसन्त है, हर घर में हो उल्लास तो समझो बसन्त है, जो कंठ तरसते रहे पानी को हमेशा, बुझ जाये उनकी प्यास तो समझो बसन्त है।
-गंगा को प्रदूषण से मुक्त बनाये रखने एवं उसमें दूषित जल का उत्प्रवाह रोकने के लिये सीवरेज संबंधी कुल 67 परियोजनाएं स्वीकृत हुई है जिनकी कुल स्वीकृत लागत 14.823 करोड़ रूपये है। वर्तमान तक 39 परियोजनाएं पूर्ण कर संचालित की जा रही है तथा शेष परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
-जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल योजनाओं के लिये सामुदायिक अंशदान हेतु 4500 करोड रुपये तथा जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत अनुरक्षण एवं संचालन हेतु करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
-मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1100 करोड रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ऊर्जा
-वर्ष 2024-2025 में माह दिसम्बर तक औसत आपूर्ति ग्रामीण क्षेत्र में 20 घण्टे 35 मिनट, तहसील मुख्यालय में 22 घण्टे 36 मिनट तथा जनपद मुख्यालय में 24 घण्टे रही। प्रदेश में दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2024 तक कुल 1,87,873 निजी नलकूप संयोजन निर्गत किये गये।
-कृषि फीडरों के पृथक्कीकरण की योजना के अन्तर्गत 4,680 फीडर्स के लक्ष्य के सापेक्ष 3,817 कृषि फीडर्स का निर्माण कराया जा चुका है।
-उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा वर्ष 2024-2025 में दिसम्बर माह तक 7140 मेगावॉट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता व संयुक्त उपक्रम में चलित 1980 मेगावॉट ताप विद्युत उत्पादन क्षमता एवं 37.056 मिलियन यूनिट ताप विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया।
-गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने हेत पम्प स्टोरेज जल विद्युत परियोजना की स्थापना 3953 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित है। यह परियोजना चार वर्षों में पूर्ण होगी। परियोजना हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-कोल इण्डिया लिमिटेड के साथ उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा संयुक्त उपक्रम के रूप में जनपद जालौन में 500 मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना प्रस्तावित है। परियोजना की लागत 2500 करोड़ रुपये अनुमानित है। परियोजना हेतु 150 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-एन.टी.पी.सी. ग्रीन एनर्जी लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा संयुक्त उपक्रम के माध्यम से तहसील गरौठा जनपद झाँसी में 200 मेगावॉट सौर ऊर्जा सयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है. जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये है। परियोजना हेतु 80 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत
-प्रदेश में सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये प्रख्यापित उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी 05 वर्षों में 22,000 मेगावॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
-अयोध्या शहर को मॉडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के 10 नगर निगमों एवं नाएडी शहर को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है।
-उत्तर प्रदेश राज्य जैय ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत कम्प्रेस्ड बायो-गैर बायो-काल बायो-वीजल / बायो-एथेनॉल से सम्बन्धित 53 परियोजनाओं की ज्योति प्रदान की जा चुकी है तथा 24 परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है।
-सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत रोजगार सृजन एवं कौशल विकास हेतु वर्ष 2025-2026 में 3000 सूर्यमित्रों को कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण दिया जायेगा।
आवास एवं शहरी नियोजन
-प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत लगभग 17 लाख आवास पूर्ण कर लाभार्थियों को आवंटित किये जा चुके हैं।
-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रीजनल रैपिड ट्रॉजिट सिस्टम का दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ कॉरिडॉर संचालित है। सम्पूर्ण कॉरिडॉर का निर्माण कार्य जून, 2025 तक पूरा किये जाने का अनुमान है।
-आवास एवं विकास परिषद तथा विकास प्राधिकरणों में टाउन शिप विकसित किये जाने हेतु मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण / नये शहर प्रोत्साहन योजना लागू है।
-प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आस-पास के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुये स्टेट कैपिटल रीजन गठित किये जाने तथा अन्य रीजन्स के रीजनल प्लान तैयार किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश स्टेट कैपिटल रीजन एवं अन्य रीजन विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2024 प्रख्यापित है। स्टेट कैपिटल रीजन में 6 जिले क्रमश लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली तथा उन्नाव सम्मिलित हैं।
नगर विकास
-अमृत योजना 20 के अन्तर्गत अब तक लगभग 39 लाख पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराये गये हैं।
-प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 1.0 हेतु 3150 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है तथा प्रधानमंत्री अवास योजना (शष्ठरी) 20 हेतु लगभग 1732 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-वर्ष 2021 में प्रारम्भ की गयी अमृत 20 योजना हेतु 4100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेन्ट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश के शहरों को बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति हेतु अर्बन पलड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ की गयी जिसके लिये 1000 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना 400 करोड स्थय की व्यस्था प्रस्तावित है।
-नगरीय सताये और अवस्थापना विकारा की नई योजना हेतु 50 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
-राज्य स्मार्ट सिटी योजना हेतु 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-कान्डा गौशाला एवं बेसष्ठारा पशु आश्रय योजना हेतु 450 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
नागरिक उड्डयन
-वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में केवल 4 एयरपोर्ट क्रियाशील थे जबकि वर्तमान में प्रदेश में 16 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। प्रदेश में 4 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। जेवर एयरपोर्ट के शीघ्र ही संचालित होने के साथ प्रदेश में 5 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट हो जायेंगे।
-वाराणसी, अलीगढ तथा श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार, गोरखपुर एयरपोर्ट पर नये टर्मिनल भवन का विकास, आगरा एयरपोर्ट पर नये सिविल एवं तत्संबंधी सुविधाओं का विकास तथा ललितपुर स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
-घरेलू उड़ानों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार अब अन्तर्राष्ट्रीय गंतव्यों तक उड़ाने संचालित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
-प्रदेश में जिस प्रकार अवस्थापना सुविधाओं का चतुर्दिक विकास और आवागमन की सुविधाओं का द्रुत गति से विस्तार हुआ है, वह वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में रही सरकार के लिये सपने में भी शायद सम्भय नहीं था. परन्तु-
नियोजन
-जीरो पॉवर्टी उत्तर प्रदेश अभियान हेतु 250 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
-प्रदेश में विकास कार्यों हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजनान्तर्गत लगभग 2400 करोड रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-क्रिटिकल गैप्स योजना हेतु लगभग 152 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
-प्रदेश के पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में स्थित जनपदों के अन्तक्षेत्रीय विषमताओं एवं पिछटेपन को कम करने के उद्देश्य से क्रमशः 575 कराट रूपये तथा 425 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।