गाजीपुर, वाईबीएन नेटवर्क।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में राजस्व विभाग से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें फर्जी आय और जाति प्रमाण पत्र के ज़रिए आंगनबाड़ी भर्ती में नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं। जांच के बाद जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने 10 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
फर्जी दस्तावेज़ों से पाई गई नौकरी
जांच में सामने आया कि कुछ अभ्यर्थियों ने बीपीएल श्रेणी में आने के लिए झूठे प्रमाण पत्र बनवाए, जिनमें आय 46,000 रुपये से कम दिखाई गई। जबकि हकीकत में उनके पति या पिता सरकारी नौकरी में थे और उनकी वास्तविक आय इससे कहीं अधिक थी। यह सीधा नियमों का उल्लंघन था।
CDO के स्टेनो की बेटी भी घोटाले में शामिल
इस मामले में मुख्य विकास अधिकारी के स्टेनो राधेश्याम यादव की बेटी पूजा यादव का नाम भी सामने आया है। उनके पति एक सरकारी शिक्षक हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी हासिल की और बाद में इस्तीफा दे दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए CDO ने स्वयं जिलाधिकारी को पत्र लिखा था।
लेखपालों पर गिरी गाज, एक पर FIR दर्ज
जांच में 10 लेखपालों को जिम्मेदार पाया गया, जिन पर जिलाधिकारी ने सस्पेंशन की कार्रवाई की है। वहीं, एक लेखपाल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इसके अलावा, गाजीपुर के जखनिया तहसील में तैनात एक कंप्यूटर ऑपरेटर पर भी शक जताया गया है, जिसने कथित रूप से स्थानांतरित लेखपालों की आईडी का दुरुपयोग कर प्रमाण पत्र जारी किए।
जारी है जांच, और हो सकती हैं गिरफ्तारियां
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह केवल शुरुआत है और अभी जांच जारी है। जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी पारदर्शिता से जांच कर रहा है।