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मेरठ के छुर गांव की बेटियों का जलवा, प्रो कबड्डी लीग 2025 में 6 लड़कियों का चयन

मेरठ के छुर गांव की छह बेटियों का प्रो कबड्डी लीग के लिए चयन हुआ है, जो महिला कबड्डी लीग में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए तैयार हैं।

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Ajit Kumar Pandey
MEERUT CHHUR VILLAGE GIRLS
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । वेस्ट यूपी में मेरठ जिले की सरधना तहसील का छोटा सा गांव छुर कबड्डी के मैदान में बड़ा नाम कमा रहा है। इस गांव की छह बेटियों—कीर्ति, तनु, वंशिका, प्राची, बरखा और गीता- ने प्रो कबड्डी लीग (PKL) 2025 के लिए आयोजित महिला कबड्डी लीग में अपनी जगह पक्की कर ली है। उत्तर प्रदेश में किसी एक गांव से एक ही टीम में इतनी बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का चयन पहली बार हुआ है। यह टूर्नामेंट 15 मई 2025 से गुरुग्राम में शुरू होगा, जिसमें 18 से 28 वर्ष की खिलाड़ी हिस्सा लेंगी।

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चयनित खिलाड़ी और उनकी भूमिकाएं

indian sports | sports news | गांव के कोच यशपाल सिंह ने बताया कि आठ खिलाड़ियों ने ट्रायल में हिस्सा लिया था, जिनमें से छह का चयन हुआ। इन खिलाड़ियों को उनकी प्रतिभा के आधार पर अलग-अलग भूमिकाएं दी गई हैं...

  • कीर्ति: लेफ्ट रेडर
  • तनु: राइट रेडर
  • वंशिका: लेफ्ट कवर
  • प्राची: राइट कवर और रेडर
  • बरखा: लेफ्ट कॉर्नर
  • गीता: ऑलराउंडर
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कोच यशपाल ने गर्व के साथ कहा, “ये बेटियां न सिर्फ गांव का नाम रोशन करेंगी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को गौरवान्वित करेंगी। इनके जुनून और मेहनत ने यह मुकाम हासिल किया है।”

गांव में खुशी का माहौल, लेकिन चुनौतियां बरकरार

चयनित खिलाड़ी कीर्ति ने बताया कि गांव में इस उपलब्धि पर उत्सव जैसा माहौल है। बच्चे, बूढ़े, और जवान सभी उनकी जीत की दुआएं मांग रहे हैं। लेकिन खुशी के बीच एक बड़ा मसला भी सामने आया- प्रैक्टिस के लिए उचित मैदान की कमी। कीर्ति ने कहा, “हम मिट्टी के मैदान पर अभ्यास करते हैं। बारिश में कीचड़ हो जाता है, और गर्मियों में धूल उड़ती है। अगर हमें बेहतर सुविधाएं मिलें, तो हम और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”

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कीर्ति ने अपनी शुरुआती चुनौतियों को भी साझा किया। “जब मैं खेलने मैदान में जाती थी, तो कुछ लड़के ताने मारते थे। लोग कहते थे- लड़कियां कबड्डी क्यों खेलें? लेकिन मैंने इन्हें नजरअंदाज किया और अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया। अब वही लोग मेरी तारीफ करते हैं।”

सीनियर्स से प्रेरणा, जीत का जुनून

वंशिका तालियान ने बताया कि वह गांव की सीनियर खिलाड़ियों से प्रेरित होकर कबड्डी में आईं। “जब मैं छोटी थी, तो देखती थी कि जीतने वाले खिलाड़ियों का गांव में कितना सम्मान होता था। ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत होता था। मैंने सोचा, मुझे भी ऐसा करना है।” वंशिका ने अपने सीनियर्स के साथ मैदान पर उतरना शुरू किया और धीरे-धीरे खेल में माहिर हो गईं।

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गीता ने भी अपनी कहानी साझा की। “मैंने देखा कि गांव में जब कोई खिलाड़ी जीतकर लौटता था, तो पूरा गांव जश्न मनाता था। मैंने अपने सीनियर्स के साथ प्रैक्टिस शुरू की। आज मुझे मौका मिला है, और मैं जीतकर गांव का नाम रोशन करना चाहती हूं।”

प्रो कबड्डी लीग 2025: महिला टूर्नामेंट का महत्व

प्रो कबड्डी लीग का 11वां सीजन हाल ही में 29 दिसंबर 2024 को समाप्त हुआ, जिसमें हरियाणा स्टीलर्स ने पटना पाइरेट्स को हराकर खिताब जीता। अब महिला कबड्डी लीग 2025 के साथ आयोजक मशाल स्पोर्ट्स महिला खिलाड़ियों को भी बड़ा मंच दे रहा है। यह टूर्नामेंट गुरुग्राम में 15 मई से शुरू होगा और देशभर की प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका देगा।

महिला कबड्डी लीग के लिए चयन प्रक्रिया कड़ी थी। उत्तर क्षेत्रीय ट्रायल्स चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में नवंबर 2024 में आयोजित हुए थे, जहां सैकड़ों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। छुर गांव की इन छह बेटियों ने अपनी मेहनत और कौशल से चयनकर्ताओं को प्रभावित किया।

चुनौतियों से भरा सफर

इन खिलाड़ियों का सफर आसान नहीं रहा। गांव में खेल की सुविधाओं का अभाव, सामाजिक टिप्पणियां, और आर्थिक तंगी जैसी कई बाधाएं उनके सामने थीं। तनु ने बताया, “कई बार जूते खरीदने के लिए भी पैसे जुटाना मुश्किल होता था। लेकिन परिवार और कोच ने हमेशा हौसला बढ़ाया।” प्राची ने कहा, “लड़कियों को खेल में उतरने के लिए पहले घरवालों को मनाना पड़ता है। मेरे पिता ने मेरा साथ दिया, वरना मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती।”

भविष्य की योजनाएं और गांव की उम्मीदें

चयनित न होने वाली दो खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी। उन्होंने अगले साल के ट्रायल्स के लिए और मेहनत करने का संकल्प लिया है। कोच यशपाल ने बताया कि गांव में कबड्डी के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। “अब छोटी-छोटी लड़कियां भी मैदान पर आने लगी हैं। इन छह खिलाड़ियों की जीत पूरे गांव के लिए प्रेरणा बनेगी।”

गांव के बुजुर्ग रामपाल सिंह ने कहा, “हमारी बेटियां अब सिर्फ घर की चौखट तक सीमित नहीं हैं। वे देश के लिए खेलेंगी, और हमारा छुर गांव दुनिया के नक्शे पर आएगा।”

मेरठ के छुर गांव की ये छह बेटियां न सिर्फ कबड्डी के मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखाने जा रही हैं, बल्कि समाज में लड़कियों के लिए नए रास्ते भी खोल रही हैं। सीमित संसाधनों और तमाम चुनौतियों के बावजूद इनका जुनून और मेहनत प्रेरणादायक है।

15 मई 2025 से शुरू होने वाली प्रो कबड्डी लीग में ये खिलाड़ी जब मैदान पर उतरेंगी, तो पूरे देश की नजरें इन पर होंगी। क्या ये बेटियां अपने गांव का सपना पूरा करेंगी? यह तो वक्त बताएगा, लेकिन उनकी हिम्मत ने पहले ही लाखों दिल जीत लिए हैं।

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