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UP News : शिक्षकों को सरकार का तोहफा, गंभीर बीमारी पर मिलेगा एक लाख, आर्थिक सहायता राशि में की गई बढ़ोतरी

प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से दी जाने वाली सहायता राशि में संशोधन किया गया है। शासन ने नियमावली में बदलाव कर दिया है।

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Abhishek Mishra
Government's gift to teachers

शिक्षकों को सरकार का तोहफा

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान कोष से दी जाने वाली सहायता राशि में संशोधन किया गया है। शासन ने नियमावली में बदलाव करते हुए मृत शिक्षकों की बेटियों के विवाह के लिए अनुदान राशि 10 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दी है। वहीं, गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को अब 30 हजार के स्थान पर 1 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त सहायता 

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार गंभीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों को तत्काल राहत देने के लिए मंत्री की स्वीकृति के बाद एक सप्ताह के भीतर 50 हजार की सहायता राशि जारी कर दी जाएगी। विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसके लिए आवेदक को सक्षम अधिकारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

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ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया होगी शुरू

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार, सहायता राशि के लिए आवेदन अब ऑनलाइन लिए जाएंगे। इसके लिए एक पोर्टल बनाया जाएगा, जहां निर्धारित समय-सीमा में आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा। इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।

झंडा शुल्क और शिक्षक योगदान राशि में संशोधन

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शासन ने झंडा शुल्क में भी बदलाव किया है। कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों से अब 2 रुपये के बजाय 5 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों से 10 रुपये सहयोग राशि ली जाएगी। इसके अलावा, शिक्षकों और उनके परिवारों की सहायता के लिए कोष बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों से ली जाने वाली सहयोग राशि को ₹100 करने का प्रस्ताव शिक्षक संगठनों के साथ विचार-विमर्श के बाद तय किया जाएगा।

सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलेगा मानदेय

राष्ट्रीय अध्यापक कल्याण प्रतिष्ठान के प्रकोष्ठ के संचालन के लिए सहायक सचिव, लेखाकार, कंप्यूटर सहायक और परिचारक के पदों पर सेवानिवृत्त कर्मियों को मानदेय पर नियुक्त किया जाएगा। शिक्षा विभाग का कहना है कि इस बदलाव से शिक्षकों और उनके परिवारों को समय पर राहत मिल सकेगी।

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