/young-bharat-news/media/media_files/2025/02/18/EnUf5FEJAYx85FDfc9YY.jpg)
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PuVVNL) के निजीकरण के फैसले के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई होने जा रही है। उपभोक्ता संरक्षण उत्थान समिति द्वारा दायर जनहित याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) में 19 फरवरी को सुनवाई होगी।
निजीकरण को निरस्त करने कि मांग
समिति ने इस फैसले को उपभोक्ताओं के हितों के खिलाफ बताते हुए चुनौती दी है। उनका आरोप है कि यह फैसला कानूनी प्रक्रिया और नियमों की अनदेखी कर लिया गया। याचिका में उच्च न्यायालय से इस फैसले को निरस्त करने की मांग की गई है। उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े मामलों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की इस सुनवाई पर विशेष ध्यान रहेगा, क्योंकि यह प्रदेश की ऊर्जा नीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
प्रदेशभर में प्रदर्शन जारी
उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रदेशभर में प्रदर्शन जारी है। प्रदेश के सभी जिलों और परियोजना मुख्यालयों में बिजली कर्मियों ने जोरदार विरोध दर्ज करा रहे है। संघर्ष समिति ने आगरा और ग्रेटर नोएडा के निजीकरण करारों को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि निजी कंपनियों ने अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है और पावर कॉरपोरेशन को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है।