लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
भाग दौड़ और दूसरे के लिए बेपरवाह होती जिंदगी में मंत्री असीम अरुण ने इंसानियत का परिचय दिया है। गोंडा के कर्नलगंज के पास सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को देख मंत्री ने तत्काल अपना काफिला रोक कर युवक को अस्पताल पहुंचाया। मंत्री ने घायल युवक को अपने हाथों से उठाकर एस्कॉर्ट गाड़ी मे लादा और अपने सुरक्षा कर्मियों को पीड़ित की मदद करने के लिए निर्देशित किया।
बलरामपुर जनपद से लौटते वक्त दिखा घायल युवक
शुक्रवार देर रात बलरामपुर जनपद में आयोजित अपने कार्यक्रमों से लौट रहे उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने मिसाल पेश की है। मुर्दा होती इंसानियत को मंत्री असीम अरुण ने ऑक्सीजन देने का काम किया है। अमूमन वीवीआईपी काफिला निकलते वक्त हवा से बाते करता है और बिना किसी की परवाह किए अपनी रफ्तार भरता निकल जाता है। लेकिन बीती रात अपने कार्यक्रमों को निपटा के वापस लौट रहे मंत्री असीम अरुण को कर्नलगंज में एक व्यक्ति सड़क पर घायल पड़ा दिखाई दिया। युवक बुरी तरह से घायल था और उसके सर से खून बह रहा था। मंत्री तत्काल अपना काफिला रुकवाकर घायल से मिलने पहुंचे। युवक दर्द से असहाय बेसुध पड़ा था। तुरंत मंत्री ने अपने काफिले में एस्कॉर्ट कर रही गाड़ी को घायल के पास लगवाकर नज़दीक के सीएचसी ( सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) भिजवाया। आधी रात मंत्री ने सड़क पर पड़े युवक को अपने हाथों से उठाया और सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को तत्काल अस्पताल ले जाने के निर्देश दिए। इस दौरान मंत्री ने युवक के मोबाइल से घर वालों को सूचना देने की भी कोशिश की, हालांकि युवक का मोबाइल इस हादसे के चलते काम नहीं कर रहा था। मंत्री असीम अरुण ने अपने सुरक्षा कर्मियों को उसका मोबाइल संभाल कर रखने के निर्देश दिए और अस्पताल पहुंचकर हर संभव मदद करवाने की बात कही। इस दौरान मंत्री ने पुलिस कर्मियों से उनको घायल की स्थिति की जानकारी देने को भी निर्देशित किया।
पुलिस अधीक्षक को फोन कर समुचित इलाज कराने के दिए निर्देश
गौरतलब है कि अक्सर हाइवे पर इस तरह के हिट एंड रन केस सामने आते है। गाड़िया दो पहिया वाहन चालकों को ठोक कर फरार हो जाती है। वहीं दूसरे वाहन भी घायल की मदद के लिए आगे नहीं बढ़ते है। लेकिन सरकार के मंत्री होने के चलते अपने लोगों की मदद को मंत्री असीम अरुण ने जिम्मेदारी समझते हुए युवक की जान बचाई और पुलिस अधीक्षक गोंडा को फोनकर घायल के बेहतर उपचार के निर्देश भी दिए।