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Mahakumbh में 35 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया होम स्टे योजना का लाभ, मिला घर जैसा माहौल

प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को घर जैसा खाना और घर जैसा माहौल मिले इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गई होम स्टे योजना के उत्साहित करने वाले परिणाम आए हैं।

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Abhishek Mishra
महाकुंभ

महाकुंभ में 35 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने लिया होम स्टे योजना का लाभ Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को घर जैसा खाना और घर जैसा माहौल मिले इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा शुरू की गई होम स्टे योजना के उत्साहित करने वाले परिणाम आए हैं। इससे जहां एक तरफ शहर स्थानीय लोगों को आमदनी के लिए एक वैकल्पिक रास्ता मिल गया है तो वहीं पर्यटकों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध हुए। 

66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी 

प्रयागराज महाकुंभ के शुरू होने से पहले यहां 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने का प्रशासन का अनुमान था। लेकिन प्रशासनिक अनुमान पीछे रह गए और 45 दिन चले इस महाकुंभ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पावन त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की इस संख्या को ठहराने के लिए होटल, गेस्ट हाउस और कुम्भ क्षेत्र में बनाई गई टेंट सिटी कम पड़ने लगी तब पर्यटन विभाग की तरफ से पहली बार शुरू की गई होम स्टे का विकल्प मददगार साबित हुआ। 

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होम स्टे के लिए 112  घरों में आवासीय सुविधा

प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को महाकुंभ के दौरान शुरू की गई होम स्टे योजना से घर जैसा खाना और घर जैसा माहौल मिला। शहर में होम स्टे के लिए 112  घरों में आवासीय सुविधा दी गई । इसमें भी सबसे अधिक झूंसी, दारागंज जैसे उन इलाकों में लोगों ने अपनी रुचि दिखाई जो महाकुंभ क्षेत्र के निकट थे। महाकुंभ में पहले से अपेक्षित श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सरकार ने उन्हें ठहराने के लिए आवश्यक प्रबन्ध कर रखे थे। छोटे बड़े होटल्स और महंगी टेंट सिटी में रुकने का खर्च जो लोग उठा नहीं सकते थे उनके लिए होम स्टे की सुविधा प्रदान की गई। लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में तब्दील कर दिया। 

लोगों को भी अतिरिक्त आमदनी

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हीवेट रोड में अपने 5 कमरों को होम स्टे में तब्दील करने वाले अजय कुमार ओझा का कहना है कि 45 दिन के इस महाकुंभ में एक दो दिन को छोड़कर सभी दिन उनके सभी 5 कमरे आगंतुकों से भरे रहे। उन्होंने 145 लोगों को आवासीय सुविधा प्रदान की। झूंसी के अखंड प्रताप सिंह ने भी अपने 4 कमरों के फ्लैट को होम स्टे में तब्दील कर दिया था। अखंड प्रताप का कहना है कि पर्यटन विभाग के जरिए उनके पास होम स्टे के लिए इतने कॉल्स आए कि वह सभी कॉलर को ठहराने की सुविधा तक नहीं दे सकते थे। महाकुंभ के दौरान 120 परिवारों को उन्होंने होम स्टे की सुविधा दी। महाकुंभ के इन 45 दिनों में 35 हजार से अधिक आगंतुकों ने इस सेवा का लाभ उठाया जिससे शहर के इन लोगों को भी अतिरिक्त आमदनी का एक जरिया मिल गया।

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