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नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर : 45 मिनट में पहुंचें मेरठ से दिल्ली

बेगमपुल स्टेशन नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर का केंद्र है। 70 फीट गहरे इस स्टेशन पर रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो मिलेगी, जिससे दिल्ली-मेरठ की दूरी 45 मिनट में सिमट जाएगी। पीएम मोदी जल्द ही इसका शुभारंभ कर सकते हैं!

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Ajit Kumar Pandey
MEERUT METRO UPDATE

METRO UPDATE Photograph: (Google)

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।मेरठ के निवासियों का दिल्ली तक का सफर अब सिर्फ 45 मिनट का होने वाला है। बेगमपुल स्टेशन इस 82 किमी लंबे नमो भारत रैपिड रेल कॉरिडोर का दिल है, जो 70 फीट की गहराई में बना है। जल्द ही, प्रधानमंत्री मोदी यहां से रैपिड रेल और मेट्रो सेवा का शुभारंभ कर सकते हैं, जिससे मेरठ की रफ्तार और तकदीर दोनों बदल जाएंगी। यह स्टेशन न केवल सबसे बड़ा है बल्कि वेस्ट यूपी के विकास का नया केंद्र भी बनेगा। नमो भारत का 'बेगमपुल' क्यों है यह स्टेशन सबसे ख़ास? 

दिल्ली-मेरठ के लाखों यात्रियों के लिए अब इंतजार खत्म होने वाला है। जिस नमो भारत रैपिड रेल का सफल ट्रायल दिल्ली से मेरठ साउथ तक पूरा हो चुका है, वह अब आम जनता के लिए पूरी लाइन पर दौड़ने को तैयार है। लेकिन, इस पूरे 82 किलोमीटर के कॉरिडोर में एक स्टेशन है, जिसकी चर्चा सबसे ज़्यादा है- वह है मेरठ का बेगमपुल स्टेशन। 

70 फीट गहरा, 250 मीटर लंबा बेगमपुल की इंजीनियरिंग 

बेगमपुल स्टेशन को इस पूरे रूट का सबसे बड़ा स्टेशन माना जा रहा है। इसकी गहराई लगभग 70 फीट है जो इसे एक भूमिगत इंजीनियरिंग का नायाब नमूना बनाती है। स्टेशन की लंबाई भी 250 मीटर है। सोचिए, जमीन के इतने नीचे इतनी बड़ी संरचना बनाना कितना बड़ा काम रहा होगा यह स्टेशन क्यों इतना खास है? क्योंकि यह नमो भारत रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों सेवाओं के लिए कॉमन स्टेशन होगा। यानी, यात्री एक ही जगह पर उतरकर दिल्ली या शहर के भीतर की यात्रा के लिए ट्रेन बदल सकेंगे। 

पार्किंग से लेकर एंट्री गेट्स तक, क्या है खास? 

बेगमपुल स्टेशन सिर्फ़ विशाल ही नहीं बल्कि आधुनिक सुविधाओं से भी लैस है। यात्रियों की सहूलियत के लिए यहां क्या-क्या है, आइए जानते हैं एंट्री-एग्जिट गेट स्टेशन पर चार अलग-अलग एंट्री और एग्जिट गेट बनाए गए हैं, ताकि भीड़ को आसानी से नियंत्रित किया जा सके। 

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वाहन पार्किंग: यहां 500 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। अब यात्री अपनी गाड़ियां पार्क करके निश्चिंत होकर दिल्ली या शहर के लिए ट्रेन ले सकेंगे। 

भूमिगत कारिडोर: यह पूरा स्टेशन भूमिगत है। रैपिड रेल और मेट्रो को एक ही स्थान पर जोड़ने के लिए एक खास कारिडोर बनाया गया है। 

मेरठ मेट्रो का पूरा जाल: 13 नए स्टेशन मेरठ के लोग न सिर्फ दिल्ली बल्कि शहर के भीतर भी तेज़ी से सफर कर पाएंगे। 

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मेरठ मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 23 किलोमीटर होगी जिसमें कुल 13 स्टेशन शामिल हैं। रैपिड रेल और मेट्रो के लिए चार कॉमन स्टेशन होंगे, जहां दोनों सेवाएं मिलेंगी। 

ये स्टेशन हैं — 

— मेरठ साउथ । 

— शताब्दीनगर । 

— बेगमपुल । 

— मोदीपुरम । 

बाकी मेट्रो रूट में 18 किमी हिस्सा एलिवेटेड ऊपर और 5 किमी भूमिगत होगा। भूमिगत मेट्रो स्टेशन हैं मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल। 

'नमो भारत' में सफर होगा ज़्यादा सुरक्षित और आरामदायक 

रैपिड रेल को यात्रियों की हर ज़रूरत को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। ट्रेन के भीतर की सुविधाएं इसे विश्वस्तरीय बनाती हैं महिला कोच महिलाओं के लिए ट्रेन में रिजर्व कोच की व्यवस्था है जो सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। 

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दिव्यांग और बीमारों के लिए स्ट्रेचर रखने की जगह और स्ट्रेचर के अनुकूल बड़े आकार की लिफ्ट- ये विशेष सुविधाएं दिव्यांग यात्रियों और मरीजों के लिए दी गई हैं। 

सुरक्षा और सूचना: ट्रेन के हर कोने में CCTV कैमरे, साथ ही एस्केलेटर, लिफ्ट और डिजिटल डिस्प्ले लगाए गए हैं। राजनीतिक रूप से क्यों अहम है यह उद्घाटन? यह सिर्फ एक रेल सेवा का उद्घाटन नहीं है बल्कि यह राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

आपको याद दिला दें कि शताब्दीनगर वही जगह है जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। अब माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से रैपिड ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ होंगे। 

यह दौरा, खासकर दीपावली से पहले, दिल्ली और वेस्ट यूपी के करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ा 'विकास का उपहार' होगा। 

यह दिखाता है कि सरकार इस परियोजना को कितनी प्राथमिकता दे रही है। 

45 मिनट में दिल्ली, बदलेगी वेस्ट यूपी की तकदीर 

जब यह नमो भारत सेवा पूरी तरह शुरू हो जाएगी तो दिल्ली से मेरठ की दूरी मात्र 45 मिनट में पूरी हो सकेगी। 

इस परियोजना के फायदे 

सिर्फ समय की बचत तक सीमित नहीं हैं।

— यह लाखों यात्रियों को रोज़ाना के ट्रैफिक और भीड़-भाड़ से राहत देगी। 

— सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा, जिससे प्रदूषण कम होगा। 

— सफर तेज़, सुरक्षित और आरामदायक बनेगा। 

मेरठ और पूरे वेस्ट यूपी के लिए यह परियोजना विकास, व्यापार और तकनीकी आधुनिकता का एक नया द्वार खोलेगी। बेगमपुल जैसे विशाल और आधुनिक स्टेशन के साथ, मेरठ अब देश के मेट्रो मैप पर तेज़ी से उभरने को तैयार है। 

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