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UP News : संत कबीर नगर में करोड़ो का छात्रवृत्ति घोटाला उजागर, जानिए — शिक्षा विभाग की जांच में कैसे फंसे 46 संस्थान?

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में 3.25 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला उजागर, 46 संस्थानों पर फर्जीवाड़े का आरोप। FIR दर्ज, जांच तेज़। पढ़िए पूरी डिटेल — किस तरह किया गया करोड़ों का घपला।

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Ajit Kumar Pandey
UP News : संत कबीर नगर में करोड़ो का छात्रवृत्ति घोटाला उजागर, जानिए — शिक्षा विभाग की जांच में कैसे फंसे 46 संस्थान!? | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश के जिला संत कबीर नगर में शिक्षा के नाम पर हुआ एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। करीब 3.25 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति की रकम का गबन सामने आया है, जिसमें 46 शैक्षणिक संस्थानों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है। मामले की जांच तेज़ है और 98 लोगों पर FIR दर्ज हो चुकी है। इस खुलासे ने सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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संत कबीर नगर, यूपी – उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने छात्रवृत्ति योजना की पूरी साख पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। शिक्षा विभाग की आंतरिक जांच में पता चला कि करीब 3.25 करोड़ रुपए (2021-22) की छात्रवृत्ति राशि फर्जी तरीके से डकार ली गई है। इस घोटाले में कुल 46 निजी शिक्षण संस्थानों की संलिप्तता सामने आई है, 98 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 4000 छात्रों के अभिलेख नहींं मिले हैं। 

कहां से शुरू हुआ छात्रवृत्ति घोटाला?

यह घोटाला पिछले तीन वर्षों में धीरे-धीरे आकार लेता रहा, जब इन संस्थानों ने फर्जी छात्रों के नाम पर आवेदन दायर किए और सरकार से छात्रवृत्ति की राशि हासिल की। जांच में पता चला कि कई छात्रों का नाम, जन्मतिथि, यहां तक कि आधार नंबर भी नकली था। कुछ मामलों में ऐसे छात्रों को छात्रवृत्ति मिली जो संस्थान में नामांकित ही नहीं थे। 

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जांच में क्या सामने आया?

जांच के दौरान जिला समाज कल्याण अधिकारी ने जब छात्रवृत्ति वितरण से संबंधित दस्तावेजों की गहन समीक्षा की, तो पाया गया कि फर्जीवाड़ा सिर्फ छात्रों तक सीमित नहीं था, बल्कि कई संस्थानों ने बिल, वाउचर और हाजिरी रजिस्टर भी जाली बनाए थे। कुछ संस्थानों ने पिछले छात्रों के रिकॉर्ड को दोबारा इस्तेमाल कर सरकारी पैसे हड़पे। बता दें कि 46 संस्थानों ने साल 2021-22 में भारत सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत 3.25 करोड़ रुपये की धनराशि गबन की है।

दर्ज हुई FIR, अब कौन-कौन जांच के घेरे में?

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प्रशासन ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए FIR दर्ज की है और संबंधित संस्थानों को नोटिस भेज दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम इन संस्थानों के खिलाफ सबूत जुटा रही है। धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी पैसे के दुरुपयोग जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

इस छात्रवृत्ति घोटाले ने एक तरफ जहां सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं हजारों असली छात्र जो सही मायनों में इस सहायता के हकदार थे, वो इससे वंचित रह गए। यह घोटाला गरीब छात्रों की उम्मीदों से धोखा है।

जिला अधिकारी और समाज कल्याण विभाग के उच्च अधिकारियों का कहना है कि यह एक सुनियोजित साजिश है, जिसकी जड़ें और भी गहरी हो सकती हैं। जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है और अन्य जिलों में भी इसी तरह की गड़बड़ियों की आशंका जताई गई है।

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क्या आपके जिले में भी ऐसे किसी छात्रवृत्ति घोटाले की चर्चा है? क्या आप मानते हैं कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए? अपने विचार नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं — आपकी एक आवाज़ भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम हो सकती है! 

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