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जहालत की कोई सीमा नहीं : विधानसभा सत्र में तीखे बयानों से माहौल रहा बेहद गर्म,​ जानिए किसने क्या कहा

उत्तर प्रदेश विधानसभा के सत्र में विपक्ष के बयानों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेताओं ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

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Abhishek Mishra
Assembly session 2025

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश विधानसभा का सत्र एक बार फिर गरमागर्म बहस और तीखी नोकझोंक का गवाह बना। भाषा के मुद्दे पर सपा और भाजपा के बीच तीखी बहस हुई। विपक्ष के तीखे हमलों के जवाब में सत्ता पक्ष ने भी पूरी मजबूती से अपना पक्ष रखा। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने विधानसभा के फ्लोर लैंगवेज में अंग्रेजी की जगह उर्दू को शामिल करने की वकालत की। इस पर सीएम योगी सपा पर जमकर बरसे और कठमुल्ला तक कहा डाला। आइये जानते हैं बजट सत्र में किसने क्या कहा। 

उर्दू को लेकर पल्लवी पटेल का पलटवार

नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी की जगह उर्दू भाषा शामिल करने की मांग की है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर जोरदार पलटवार कर दिया। इस मामले पर अपना दल कमेरवादी की नेता व सपा विधायक पल्लवी पटेल ने सीएम योगी पर हमला बोला। पल्लवी पटेल ने कहा कि भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा उजागर हो गया है। वो हमेशा सम्प्रदिक चीजें आगे लाती है। सीएम योगी कब तक अपना दोहरा चरित्र छिपाएंगे। सत्र के दूसरे दिन पल्लवी पटेल विधानसभा में मीडिया से बातचीत में भाजपा पर जमकर बरसीं। उन्होंने उर्दू भाषा को लेकर सीएम योगी के सदन में बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग खुद को भारत का पैरोकार मानते हैं, वे भूल रहे हैं कि उर्दू का अपमान, भारत का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि इल्म (ज्ञान) की तो कोई सीमा हो सकती है, लेकिन जहालत (अज्ञानता) की कोई सीमा नहीं होती।

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शिवपाल यादव ने साधा निशाना

सपा महासचिव शिवपाल यादव ने बीजेपी पर चुनावी धांधली और गंगा की स्वच्छता को लेकर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मिल्कीपुर में बेईमानी से चुनाव जीता गया है। संभल में बीजेपी ने अत्याचार किया है। गंगा का पानी अब आचमन लायक नहीं है। ये लोग आस्था और व्यवस्था का समन्वय नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह से हादसे हो रहे हैं।" शिवपाल के इस बयान पर सत्ता पक्ष ने तीखी आपत्ति जताई।

माता प्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी भाषा पर उठाए सवाल

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विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अंग्रेजी भाषा के उपयोग का विरोध किया। उन्होंने कहा, "अंग्रेजी हमारी भाषा नहीं है। विधानसभा की कार्यवाही अंग्रेजी में करना उचित नहीं है। हालांकि, मैं अंग्रेजी पढ़ने-लिखने के खिलाफ नहीं हूं।" उनके इस बयान पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़ गई।

अभय सिंह का संतुलित रुख

सपा के बागी विधायक अभय सिंह ने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी के महत्व को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "यूपी पर देश और दुनिया की निगाहें हैं। अंग्रेजी में कार्यवाही ट्रांसलेट होने से साउथ इंडिया और अन्य देशों के लोग भी हमारी बात समझ पाएंगे। हिंदी के बाद अंग्रेजी भी जरूरी है।"

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ममता बनर्जी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया

अभय सिंह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हालिया बयान की आलोचना करते हुए कहा, "ममता बनर्जी का बयान मानसिक विक्षिप्तता को दर्शाता है। महाकुंभ जैसे आयोजनों में देश-दुनिया के लोग आते हैं। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान देने से बचना चाहिए।

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