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Shahi Jama Masjid Photograph: (x)
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई के मामले में बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने मस्जिद की रंगाई-पुताई करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष ने रंगाई-पुताई की मांग की थी।
मस्जिद कमेटी ने मांगी पेंटिंग की इजाजत
दरअसल, मस्जिद कमेटी की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में उन्होंने मस्जिद में रंगाई-पुताई कराने की इजाजत मांगी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
एएसआई ने दी यह रिपोर्ट
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि मस्जिद की पेंटिंग स्थिति में कोई सुधार की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने एएसआई की निगरानी में मस्जिद की सफाई कराने का आदेश दिया।
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
हालांकि, मस्जिद कमेटी को इस रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने के लिए 4 मार्च 2025 तक का समय दिया गया है। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में 4 मार्च को फिर से सुनवाई करेगा।
वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद संभल की शाही जामा मस्जिद के बाहर आरआरएफ, पीएसी और यूपी पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हरिहर मंदिर बनाम जामा मस्जिद मामला अदालत में विचाराधीन है।
पहले हो चुका है बवाल
ज्ञात हो कि 19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल सीनियर डिवीजन चंदौसी कोर्ट में दावा किया गया कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है। 19 नवंबर की शाम को मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ। दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ। मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए लोगों ने पुलिस पर पथराव-फायरिंग शुरू कर दी थी। बाद में आगजनी और पथराव के दोषियों को चिह्नित करके गिरफ्तार भी किया गया।