कलेक्ट्रेट पर एकत्र हुए संगठन के पदाधिकारी, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, उत्तर प्रदेश किसान सभा और उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट के लिए जोरदार प्रदर्शन किया।
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निजीकरण पर रोक लगाने की उठाई मांग
बुधवार को संगठन के पदाधिकारी करीब दो बजे कलेक्ट्रेट परीसर में एकत्र होना शुरू हो गए थे। उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा जारी बजट को लेकर जोरदार नारेबाजी की। इसके बाद जिलाधिकारी के नाम 11 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से सार्वजानिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने और बिजली के निजीकरण व स्मार्ट मीटर पर तुरंत रोक लगाने की मांग की। संगठन के रोहताश राजपूत का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट भारत के आम लोगों की आवश्यकताओं के साथ एक क्रूर विश्वासघात है। सरकार बड़े पैमाने पर बढ़ती बेरोजगारी और घटती मजदूरी की समस्या से निपटने के लिए लोगों के हाथों की क्रय शक्ति बढ़ाने की बजाए केवल दिखावा कर रही है।
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सरकार को हर वर्ग पर देना था ध्यान
संगठन के विजयपाल ने बताया कि मोदी सरकार केवल अमीरों को रियायतें देने वाला यह बजट निजी निवेश को बढ़ावा देने वाला है। केंद्र सरकार ने राज्यों को हस्तांतरण के बजटीय आंकड़ों में 1,12,000 करोड़ रुपये की कटौती की है। उन्होंने बताया कि इस बजट से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्य सब्सिडी,कृषि,कृषि उत्पाद संबंधित गतिविधियाँ,शिक्षा,ग्रामीण विकास,समाज कल्याण व शहरी विकास आदि सभी को कटौती का सामना करना पड़ेगा। वहीं उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण में पिछले बजट में भोजन पर आवंटन 2.05 लाख करोड़ था। जबकि इस बजट में प्रस्तावित आबंटन 2.03 लाख करोड़ है, जोकि पिछले साल के बजट प्रावधान से कम है। हालांकि सरकार को सभी को ध्यान में रखते हुए बजट जारी करना चाहिए था। इस मौके पर संगठन के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे।