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सपा नेता मनीष सिंह ने कांग्रेस सांसद Imran Masood को दी नसीहत | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तर प्रदेश की राजनीति में बयानबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसा, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने उन पर तीखा पलटवार किया है। सपा ने मसूद को 'मौसम वैज्ञानिक' बताते हुए धर्मनिरपेक्षता और भाजपा से मुकाबले पर ध्यान देने की नसीहत दी है। यह ताजा बयानबाजी उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है।
'मौसम वैज्ञानिक' मसूद, सपा का करारा जवाब
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीति में गरमाहट बढ़ती जा रही है, खासकर लोकसभा चुनावों के नजदीक आते ही। इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणियां की थीं। इन टिप्पणियों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी, और अब समाजवादी पार्टी ने इसका करारा जवाब दिया है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनीष सिंह ने इमरान मसूद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने सीधे तौर पर मसूद की दलबदल की प्रवृत्ति पर सवाल उठाया और कहा, "इमरान मसूद ने लगभग हर चुनाव में अपनी पार्टी बदली है। समाजवादी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के बजाय उन्हें धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बनाए रखने और सांप्रदायिक ताकतों का मुकाबला करने के लिए भाजपा से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।" यह बयान साफ दर्शाता है कि सपा मसूद के बयानों को गंभीरता से नहीं ले रही है, बल्कि उन्हें एक राजनीतिक 'मौसम वैज्ञानिक' के तौर पर देख रही है।
VIDEO | Samajwadi Party spokesperson Manish Singh reacts to Congress leader Imran Masood’s remarks on SP:
— Press Trust of India (@PTI_News) June 13, 2025
“Imran Masood has switched parties in almost every election. Instead of making statements against the Samajwadi Party, he should focus on fighting the BJP to uphold secular… pic.twitter.com/5nDXTdb9V8
मनीष सिंह ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को इस बारे में सोचना चाहिए कि इमरान मसूद किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्या इसका राजनीतिक और सामाजिक असर नहीं होगा?" सपा प्रवक्ता का यह सवाल कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करता है, क्योंकि मसूद के बयान अक्सर विवादों में रहे हैं। ऐसे में सपा यह संदेश देना चाहती है कि कांग्रेस को अपने नेताओं की बयानबाजी पर लगाम कसनी चाहिए, खासकर जब वे विपक्षी एकता को कमजोर करने वाली बातें कर रहे हों।
यह सिर्फ एक बयानबाजी नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलते समीकरणों का संकेत भी है। अगले चुनावों में भाजपा को चुनौती देने के लिए विपक्षी दलों की एकता को मजबूत करने की बात लगातार हो रही है। ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच इस तरह की जुबानी जंग विपक्ष की रणनीति पर भी सवाल उठाती है। क्या ये दल मिलकर भाजपा का मुकाबला कर पाएंगे, या फिर आपसी बयानबाजी में ही उलझे रहेंगे? यह एक बड़ा सवाल है।
समाजवादी पार्टी ने इस मौके का फायदा उठाते हुए अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लड़ाई के संकल्प को भी दोहराया है। उन्होंने मसूद को भाजपा से लड़ने की सलाह देकर एक तरह से यह संदेश भी दिया है कि असली दुश्मन कौन है।
आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश की राजनीति में और भी गरमाहट देखने को मिल सकती है। विभिन्न दलों के बीच बयानों का यह युद्ध जनता के बीच क्या संदेश देगा, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या विपक्षी दल आपसी मतभेदों को भुलाकर एक मजबूत गठबंधन बना पाएंगे, या फिर बयानों के भंवर में ही फंसे रहेंगे? यह सवाल अभी भी कायम है।
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