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UP News : संभल में मस्जिद पर चला JCB! जानें क्या है पूरा मामला... | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।यूपी के जिला संभल के चंदौसी इलाके में एक अवैध निर्माण पर प्रशासन का हंटर चला है। नगर पालिका की ज़मीन पर बनी एक मस्जिद को ढहाने की कार्रवाई शुरू हुई है, जिसने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। ये ख़बर सिर्फ़ ज़मीन और इमारत की नहीं, बल्कि नियमों के पालन और स्थानीय प्रशासन की मुस्तैदी की भी है। क्या था ये निर्माण, किसने बनवाया और अब आगे क्या होगा? जानिए इस पूरी ख़बर में...
चंदौसी: जहां 15 दिन में खड़ी हुई 'मस्जिद' और फिर चला 'हथौड़ा'
संभल ज़िले के चंदौसी इलाके में इन दिनों एक अजीबोगरीब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि नगर पालिका की ज़मीन पर महज़ 15 दिनों के भीतर एक मस्जिद का निर्माण खड़ा कर दिया गया था। किसी को कानो-कान खबर नहीं हुई और देखते ही देखते एक नया ढांचा ज़मीन पर आकार ले चुका था। लेकिन, प्रशासन की पैनी नज़र से ये बच नहीं सका। संभल के सीओ अनुज चौधरी ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया।
दरअसल, जब प्रशासन को इस अवैध निर्माण की भनक लगी, तो संबंधित मौलवी से बात की गई। सीओ चौधरी के मुताबिक, मौलवी ने खुद ये स्वीकार किया कि निर्माण अवैध है और इसे जल्द ही हटा दिया जाएगा। इसी बातचीत के बाद प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की। शुरुआती कार्रवाई में लगभग 25% निर्माण को ढहा दिया गया है।
#WATCH | Sambhal, Uttar Pradesh | On district administration's action against illegal construction in Chandausi area, Sambhal CO Anuj Chaudhary says, "This mosque was built on municipal land 15 days ago... The Maulvi said it will be demolished soon. The construction is 25%… pic.twitter.com/APpZZ683Tg
— ANI (@ANI) June 21, 2025
प्रशासन का अल्टीमेटम: खुद तोड़ो या JCB करेगा काम!
चंदौसी में प्रशासन ने मौलवी को बचे हुए निर्माण को हटाने के लिए कुछ समय दिया है। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो दर्शाता है कि प्रशासन सीधे तौर पर टकराव से बचते हुए एक मौका दे रहा है। हालांकि, सीओ अनुज चौधरी ने साफ कर दिया है कि अगर तय समय सीमा में मौलवी खुद से बाकी निर्माण को नहीं हटा पाते हैं, तो फिर प्रशासन बिना किसी देरी के JCB का इस्तेमाल कर इसे पूरी तरह से ढहा देगा।
यह घटना उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा करने की सोचते हैं। प्रशासन अब ऐसे मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहा है। संभल में हुई यह कार्रवाई एक मिसाल कायम कर सकती है और भविष्य में अवैध कब्ज़ों पर लगाम लगाने में मदद कर सकती है। स्थानीय लोग भी इस कार्रवाई को लेकर अलग-अलग राय रख रहे हैं, लेकिन ज़्यादातर का मानना है कि नियम सबके लिए समान होने चाहिए।
अवैध निर्माण पर शिकंजा: आखिर क्यों नहीं रुकते ऐसे मामले?
चंदौसी का यह मामला सिर्फ एक इलाक़े की कहानी नहीं है, बल्कि देश के कई हिस्सों में अवैध निर्माण एक बड़ी समस्या है। सरकारी ज़मीनों पर अतिक्रमण, बिना अनुमति के निर्माण, और नियमों को ताक पर रखकर इमारतें खड़ी कर देना आम बात हो गई है। ऐसे में संभल प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई सराहनीय है। यह दर्शाता है कि अगर प्रशासन चाहे तो ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सकता है। ज़रूरत है तो सिर्फ़ इच्छाशक्ति और नियमों के सख्त पालन की।
यह मामला हमें यह भी सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर ऐसे अवैध निर्माण इतनी आसानी से हो कैसे जाते हैं? क्या स्थानीय स्तर पर कोई लापरवाही होती है? या फिर कुछ लोग जानबूझकर नियमों का उल्लंघन करते हैं? इन सवालों के जवाब भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ज़रूरी हैं।
संभल: अवैध निर्माण के खिलाफ एक नई शुरुआत?
संभल में हुई यह कार्रवाई एक नई शुरुआत का संकेत दे सकती है। यह संदेश साफ है कि अब अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। प्रशासन की सख्ती यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी व्यक्ति या संस्था कानून को अपने हाथ में न ले। उम्मीद है कि यह कार्रवाई अन्य ज़िलों के लिए भी एक सबक बनेगी और पूरे प्रदेश में अवैध कब्ज़ों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू होगा।
अवैध निर्माण पर प्रशासन की इस कार्रवाई पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि ऐसे मामलों में और तेज़ी से कार्रवाई होनी चाहिए? या प्रशासन को पहले चेतावनी देनी चाहिए? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं!