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Sambhal में होली पर बदला जुमे की नमाज का समय, 2:30 बजे होगी अदा

संभल में जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने ऐलान किया कि होली के दिन जुमे की नमाज दोपहर 2:30 बजे पढ़ी जाएगी ताकि शांति बनी रहे। मुफ्ती आलम रजा खान ने मुस्लिम समुदाय से संयम और सौहार्द बनाए रखने की अपील की।

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Vibhoo Mishra
Masjid

संभल, वाईबीएन नेटवर्क।

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संभल में इस बार होली और जुमे की नमाज को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम था। हर कोई यही सोच रहा था कि होली के रंगों और जुमे की नमाज का वक्त कैसे मेल खाएगा। आखिरकार, जामा मस्जिद की कमेटी ने इस मुद्दे को लेकर बड़ा फैसला लिया और कहा कि शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज दोपहर 2:30 बजे अदा की जाएगी।

जामा मस्जिद कमेटी का फैसला – नमाज का वक्त बदला

संभल के जामा मस्जिद के सदर जफर अली ने बताया कि कमेटी के सदस्यों ने लगातार दो-तीन दिनों तक इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श किया। सबकी सहमति से तय किया गया कि होली के उत्सव और नमाज के वक्त में किसी भी तरह का टकराव न हो, इसलिए जुमे की नमाज का समय बदलकर 2:30 बजे कर दिया गया। उन्होंने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, "संभल में हमेशा से ही भाईचारा कायम रहा है, और हमें इसे बनाए रखना है। होली और जुमे की नमाज एक साथ होने के कारण हमने यह फैसला लिया ताकि किसी को कोई परेशानी न हो और दोनों पर्व पूरे सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाए जा सकें।"

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मुस्लिम समाज को मुफ्ती की अहम सलाह

संभल के मुफ्ती आलम रजा खान ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को महत्वपूर्ण सलाह दी है। उन्होंने कहा कि होली के दौरान मुस्लिम समाज के लोग उन रास्तों पर जाने से बचें जहां रंग खेला जा रहा हो। उन्होंने आगे कहा कि होली भाईचारे का त्योहार है। अगर गलती से किसी पर रंग पड़ जाए, तो उसे गलत न समझें बल्कि इसे खुशी-खुशी स्वीकार करें। यह पर्व मेल-जोल और आपसी सद्भाव का प्रतीक है।

शाही ईदगाह के इमाम ने दिया बड़ा बयान

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संभल के शाही ईदगाह के इमाम अशरफ हामिदी ने भी मुस्लिम समुदाय से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर होली के दौरान किसी पर रंग पड़ जाए तो नाराज होने की जरूरत नहीं है। बल्कि, मुस्कुराकर एक-दूसरे को होली की मुबारकबाद दें और आगे बढ़ जाएं। उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के जीवन से उदाहरण देते हुए कहा कि इस्लाम हमें धैर्य और सहिष्णुता सिखाता है। अगर कोई गलती से कुछ कर भी दे, तो हमें संयम रखना चाहिए।

मस्जिद पर तिरपाल लगाने की व्यवस्था

हर साल की तरह इस बार भी शाही जामा मस्जिद पर तिरपाल लगाने का फैसला किया गया है ताकि होली के रंगों से मस्जिद की दीवारों को सुरक्षित रखा जा सके। जफर अली ने कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है और इसका उद्देश्य सिर्फ सफाई और पवित्रता बनाए रखना है।

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हाईकोर्ट के फैसले पर भी जताई खुशी

सदर जफर अली ने हाईकोर्ट के फैसले पर भी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि हम माननीय हाईकोर्ट का आभार व्यक्त करते हैं और उनके फैसले का स्वागत करते हैं। जल्द ही एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की टीम मस्जिद की पुताई और मरम्मत का काम शुरू कर देगी।

शहर में अमन-चैन बनाए रखने की अपील

संभल के हिंदू और मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया और शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की। प्रशासन ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने का अनुरोध किया है।

संभल ने पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल

संभल के इस फैसले से यह साफ हो गया कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब आज भी जिंदा है। दोनों समुदायों ने मिलकर त्योहारों को प्रेम और सम्मान के साथ मनाने की जो पहल की है, वह पूरे देश के लिए मिसाल बन सकती है। संभल में होली का रंग भी उड़ेगा और नमाज की इबादत भी होगी, दोनों के बीच कोई टकराव नहीं, बल्कि भाईचारे की मिसाल कायम होगी।

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