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संभल हिंसा से लेकर 15 दंगों की जांच रिपोर्ट : पढ़कर हैरान रह जाएंगे! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । उत्तर प्रदेश का संभल जिला पिछले काफी समय से सुर्खियों में बना हुआ है। संभल में 24 नवंबर 2024 को शाही मस्जिद में एएसआई सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सीएम योगी ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक जांच पैनल का गठन किया था। अब सरकार को जांच रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन हैरान कर देने वाली इस जांच रिपोर्ट पर सरकार का क्या रूख आना अभी बाकी है।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 450 पन्नों की एक बेहद अहम जांच रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट को तीन सदस्यीय न्यायिक जांच पैनल ने तैयार किया है, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जज देवेंद्र अरोड़ा ने की है।
सौंपी गई रिपोर्ट में 24 नवंबर 2024 को संभल में हुई हिंसा के अलावा देश की आजादी के बाद से अबतक हुए 15 दंगों का भी जिक्र किया गया है। लेकिन, जांच रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाला खुलासा जनसांख्यिकीय बदलावों से जुड़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे एक वक्त 45% हिंदू आबादी वाला संभल आज 15-20% पर सिमट गया है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जब भारत आजाद हुआ था उस समय संभल नगर पालिका क्षेत्र में 55% मुस्लिम और 45% हिंदू थे। लेकिन, अब हिंदू आबादी घटकर 15% रह गई है, जबकि मुस्लिम समुदाय की आबादी बढ़कर 85% हो गई है। यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि कई गंभीर सवाल भी खड़े करता है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतने बड़े पैमाने पर आबादी का गणित बदल गया? क्या यह बदलाव बढ़ते तनाव और हिंसा का एक बड़ा कारण है?
हिंसा, जांच और विदेशी हथियार
दरअसल, 24 नवंबर 2024 को संभल की शाही जामा मस्जिद के ASI सर्वे के दौरान यह हिंसा भड़की थी। देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए और पुलिस को मजबूरन गोली चलानी पड़ी, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद 12 FIRs दर्ज की गईं और 80 गिरफ्तारियां हुईं। पुलिस की चार्जशीट में 159 आरोपियों के नाम हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि मौके से जो हथियार मिले वे मेड इन ब्रिटेन, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों के थे। जिससे यह साफ संकेत देता है कि यह कोई अचानक हुई घटना नहीं थी बल्कि इसके पीछे बड़ी साजिश थी।
450 पन्नो की रिपोर्ट और 15 दंगों की परतें
450 पन्नों की जांच रिपोर्ट सिर्फ एक घटना की जांच नहीं है, बल्कि संभल के सामाजिक और सांप्रदायिक ताने-बाने का एक गहरा विश्लेषण है। इसमें न केवल नवंबर की हिंसा का ब्यौरा है बल्कि आजादी के बाद से हुए 15 दंगों की भी परतें खोली गई हैं। इससे यह साफ होता है कि संभल एक संवेदनशील इलाका बना हुआ है, जहां जनसांख्यिकीय असंतुलन एक बड़ी समस्या है। अब देखना यह है कि योगी सरकार इस रिपोर्ट के निष्कर्षों पर क्या कार्रवाई करती है।
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