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युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए 62 और ITI Institutes होंगे अपग्रेड, लगाई जाएंगी उन्नत मशीनें

प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के अपने प्रयासों को और मजबूत कर रही है। इसी क्रम में राज्य के 62 और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड किया जाएगा।

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Abhishek Mishra
ITI institutes

प्रदेश में 62 और आईटीआई संस्थान होंगे अपग्रेड

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार के लिए तैयार करने के अपने प्रयासों को और मजबूत कर रही है। इसी क्रम में राज्य के 62 और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड किया जाएगा। इससे आईटीआई में पढ़ने वाले युवाओं को अत्याधुनिक प्रशिक्षण मिल सकेगा और उन्हें इंडस्ट्री के अनुरूप कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।

लगाई जाएंगी उन्नत मशीनें

जनवरी में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। जिसके बाद अब मंगलवार को व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग टाटा के साथ एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर करेगा। इस समझौते के तहत प्रदेश में आईटीआई संस्थानों को अपग्रेड कर वहां उन्नत मशीनें लगाई जाएंगी, प्रशिक्षकों को आधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी और नए ट्रेड की पढ़ाई शुरू की जाएगी।

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पहले चरण में अपग्रेड हो चुके हैं 149 आईटीआई

प्रदेश में आईटीआई के आधुनिकीकरण की इस योजना का पहला चरण पहले ही पूरा किया जा चुका है। पहले चरण में 149 आईटीआई को अपग्रेड किया गया था, जहां आधुनिक उपकरणों के साथ-साथ प्रशिक्षकों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा, कई नए ट्रेड भी शुरू किए गए थे, जिससे युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हुए। अब दूसरे चरण में 62 और आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। इस चरण में भी एक दर्जन नए ट्रेड जोड़े जाएंगे, जिनमें मेक्ट्रोनिक्स, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिटिक्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी जैसे अत्याधुनिक विषय शामिल होंगे। इन नए कोर्सों के जरिए छात्रों को उद्योगों की बदलती जरूरतों के अनुसार तैयार किया जाएगा।

रोजगार के नए अवसर मिलेंगे

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इन अपग्रेडेड आईटीआई से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवाओं को संबंधित उद्योगों में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि आईटीआई से निकले छात्र सिर्फ डिग्री ही न लें, बल्कि उन्हें सीधे इंडस्ट्री में रोजगार भी मिले। इस योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को देश की प्रमुख कंपनियों में रोजगार दिलाने के प्रयास किए जाएंगे।

इतने करोड़ रुपये की होगी परियोजना

इस परियोजना पर कुल 3634 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें से 2851 करोड़ रुपये प्रमुख उद्योग समूह द्वारा निवेश किए जाएंगे, जबकि 783 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा दिए जाएंगे। इस योजना से हर साल लगभग 12,500 छात्र अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे, जिससे प्रदेश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।

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पांच जिलों में बनेंगे अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर

आईटीआई अपग्रेडेशन योजना के तहत पांच जिलों,लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मथुरा और बरेली में 'सेंटर फॉर इनोवेशन, इनवेंशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग' (CIIIT) की स्थापना भी की जाएगी। इन केंद्रों में प्रशिक्षकों को अत्याधुनिक तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे अपने संस्थानों में छात्रों को इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से तैयार कर सकें। इस योजना के तहत प्रशिक्षकों को उन्नत प्रशिक्षण देकर उन्हें नए प्रयोग और नवाचार के लिए प्रेरित किया जाएगा। इससे न केवल प्रदेश के आईटीआई संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि यहां से निकलने वाले छात्र अत्यधिक कुशल होकर इंडस्ट्री में अपनी जगह बना सकेंगे।

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