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रायबरेली IDTR को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित
प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने और परिवहन विभाग को अधिक दक्ष बनाने के लिए नई पहल शुरू की गई है। इस योजना के तहत परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को नवीनतम तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए रायबरेली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (IDTR) को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस(CoE)के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस संस्थान में परिवहन अधिकारियों और कर्मचारियों को अत्याधुनिक तकनीकों, प्रवर्तन रणनीतियों और ई-गवर्नेंस के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
सभी स्तर के अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों तक सभी को नवीनतम प्रौद्योगिकियों और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से अवगत कराया जाएगा। इस प्रशिक्षण में आरटीओ, एआरटीओ, डीटीसी, पीटीओ, आरआई समेत अन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली, सड़क सुरक्षा विश्लेषण, डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल किया जाएगा। इससे अधिकारियों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाया जाएगा और उन्हें परिवहन प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
प्रशिक्षण के लिए विशेष समिति का गठन
इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में एक विशेष प्रशिक्षण प्रकोष्ठ (ट्रेनिंग सेल) का गठन किया गया है। इस प्रकोष्ठ में परिवहन विभाग के विभिन्न अनुभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, बस्ती के संभागीय परिवहन अधिकारी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो इस योजना की निगरानी करेंगे और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
MORTH के निर्देशों के अनुरूप होगा पाठ्यक्रम
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को उत्तर प्रदेश की आवश्यकताओं और केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इसके तहत वैश्विक परिवहन मानकों और नवीनतम तकनीकी परिवर्तनों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की नई जानकारियां और नवाचारों की जानकारी मिलेगी और वे उन्हें अपनी कार्यशैली में सम्मिलित कर सकेंगे।
आधुनिक तकनीकों पर रहेगा विशेष ध्यान
IDTR को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने के तहत, वहां अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं, कार्यशालाएं और विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में विशेष रूप से निम्नलिखित विषयों पर जोर दिया जाएगा:
- तकनीकी उन्नयन (Technology Advancement)
- डेटा एनालिटिक्स (Data Analytics)
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित यातायात प्रबंधन
- ई-गवर्नेंस प्रणाली (E-Governance System)
- स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल (Smart Traffic Control)
- स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली (Automated Driving Test System)
प्रशिक्षण से बढ़ेगी दक्षता और पारदर्शिता
यह योजना परिवहन अधिकारियों की प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगी और सड़क सुरक्षा को मजबूत करेगी। प्रशिक्षित अधिकारियों को ई-गवर्नेंस, सड़क कर संग्रह, परमिट प्रणाली, ट्रैफिक नियमों का प्रवर्तन और परिवहन नीति निर्माण जैसी विषयवस्तु पर विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश की परिवहन प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। यह पहल सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने और राज्य के परिवहन ढांचे को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।