लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 को लेकर प्रदेश भर के वकीलों में गहरा आक्रोश है। इसी के विरोध में मंगलवार को यूपी के वकील हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल को सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ सहित कई अधिवक्ता संगठनों का समर्थन मिला है। वकीलों का कहना है कि यह बिल उनकी स्वायत्तता और अधिकारों के खिलाफ है। इसलिए इसके विरोध में सड़क पर उतरने को मजबूर हुए हैं।
संशोधन उनके पेशे की स्वतंत्रता कर सकता है बाधित
केंद्र सरकार के प्रस्तावित 'एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025' को लेकर वकीलों ने नाराजगी जताई है। कानून मंत्रालय के जारी मसौदे में एडवोकेट एक्ट-1961 में कई संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं, जिन पर आम जनता और विशेषज्ञों की राय मांगी गई है। हालांकि, वकीलों का कहना है कि यह संशोधन उनके पेशे की स्वतंत्रता को बाधित कर सकते हैं।
कोर्ट में आज न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप
लखनऊ हाई कोर्ट में आज न्यायिक कार्य पूरी तरह से ठप है। अवध बार एसोसिएशन के वकीलों ने अधिवक्ता अधिनियम संशोधन बिल के खिलाफ कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। इस संबंध में सोमवार को बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.डी. शाही और महासचिव मनोज कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
काला कानून थोपा जा रहा है
वकीलों का कहना है कि 3 महीने पहले अधिवक्ता प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा हो रही थी, लेकिन अब उनके ऊपर काला कानून थोपा जा रहा है। वकील यह भी कह रहे हैं कि वे परीक्षा पास करके आए हैं और ब्यूरोक्रेट्स उनके काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। उनका कहना है कि 1961 का एक आदर्श एक्ट है और वे उसी के अनुसार काम करेंगे। वकील सरकार के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उनकी मंशा के खिलाफ हैं। उनका आग्रह है कि सरकार उनकी बातों को गंभीरता से सुने, वरना वकील किसी से भी लड़कर जीत सकते हैं। वकीलों ने यह साफ कर दिया है कि आज वे किसी भी न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे, जिसके कारण हजारों मामलों की सुनवाई टल सकती है। वकीलों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा, उनका विरोध जारी रहेगा।
क्या कहते हैं वकील
वकीलों का आरोप है कि इस बिल में ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं, जिससे उनके कामकाज पर सीधा असर पड़ेगा। उनके अनुसार, नया कानून बार काउंसिल को इस अधिकार से लैस करेगा कि वह किसी वकील पर शिकायत के आधार पर तीन लाख तक का आर्थिक दंड लगा सके। इसके अलावा, अन्य कई प्रावधान भी हैं, जिन्हें वकील अपने हितों के खिलाफ मान रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा
प्रदेशभर के अधिवक्ताओं ने हड़ताल के दौरान न्यायिक कार्यों से दूरी बना ली है। वकील संघों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अधिवक्ताओं ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) से भी इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।