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UP में संचारी रोगों पर नियंत्रण करेंगी महाकुंभ में प्रयोग 462 अत्याधुनिक मशीनें, स्वास्थ्य केंद्रों को किया जाएगा अपग्रेड

प्रदेश में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए महाकुंभ में सफलतापूर्वक उपयोग में लाए गए 462 अत्याधुनिक उपकरणों को अब विभिन्न जिलों में तैनात किया जाएगा। इन उपकरणों का इस्तेमाल नगर निगमों, नगर पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में किया जाएगा।

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Abhishek Mishra
मैन्युअल स्प्रे पंप

संचारी रोगों पर नियंत्रण करेंगी महाकुंभ में प्रयोग 462 अत्याधुनिक मशीनें Photograph: (Social Media)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता

प्रदेश में संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए महाकुंभ में सफलतापूर्वक उपयोग में लाए गए 462 अत्याधुनिक उपकरणों को अब विभिन्न जिलों में तैनात किया जाएगा। इन उपकरणों का इस्तेमाल नगर निगमों, नगर पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में किया जाएगा, जिससे संक्रामक रोगों की रोकथाम की जा सके। सरकार के अभियान को सशक्त बनाने के लिए इन मशीनों से स्वास्थ्य केंद्रों को और अधिक सक्षम किया जाएगा। महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में इन उपकरणों का अच्छा परिणाम मिला, जिसके बाद अब इन्हें प्रदेश भर में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन उपकरणों में 400 स्प्रे पंप (200 बैटरी संचालित और 200 मैन्युअल) तथा 62 थर्मल पल्स फॉग मशीनें शामिल हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन

प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य केंद्रों को उन्नत बनाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि संचारी रोगों से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। नगर निगमों और नगर पंचायतों को इन अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य जलजनित रोगों पर काबू पाया जा सके।

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ग्राम प्रधानों को मिलेगा समर्थन

महाकुंभ के नोडल जॉइंट डायरेक्टर (वेक्टर कंट्रोल) डॉ वीपी सिंह ने बताया कि मेले की सफलता को देखते हुए विभिन्न जिलों के ग्राम प्रधानों को भी यह उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि स्थानीय स्तर पर एंटी-लार्वा छिड़काव अभियान को और मजबूती मिल सके। इससे संक्रमण को जड़ से समाप्त करने में मदद मिलेगी।

थर्मल पल्स फॉग मशीनों का विशेष उपयोग

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वेक्टर कंट्रोल के असिस्टेंट नोडल और डीएमओ डॉ आनंद कुमार सिंह ने कहा कि 62 थर्मल पल्स फॉग मशीनें उन जिलों में भेजी जाएंगी, जो संचारी रोगों के लिए संवेदनशील माने जाते हैं। इन जिलों में फॉगिंग के माध्यम से संक्रमण फैलाने वाले कीटों को नियंत्रित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और नगर पंचायतों के संयुक्त प्रयास से प्रदेशभर में यह अभियान चलाया जाएगा, जिसमें विशेष एंटी-लार्वा छिड़काव अभियान भी संचालित होगा। इस कदम से प्रदेश में संचारी रोगों की रोकथाम को और तेजी मिलेगी।

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