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UP CGST अधीक्षक को CBI ने रिश्वत लेते गिरफ्तार किया | यंग भारत न्यूज
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश में एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के अधीक्षक निशान सिंह मल्ली और एक कर वकील को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब अधिकारी कथित तौर पर एक निजी कंपनी का जीएसटी जुर्माना माफ करने के बदले 1 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, CGST अधीक्षक निशान सिंह मल्ली ने एक व्यवसायी को GST रिटर्न न दाखिल करने के आरोप में जुर्माना नोटिस जारी किया था। बाद में, उन्होंने कंपनी के मालिक से संपर्क करके जुर्माना माफ करने का ऑफर दिया, लेकिन इसके बदले में 1 लाख रुपये की मांग की।
जब व्यवसायी ने इसकी शिकायत सीबीआई से की, तो एजेंसी ने एक जाल बिछाया। कर वकील के साथ मिलकर अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
STORY | CBI arrests UP CGST superintendent in bribery case
— Press Trust of India (@PTI_News) June 10, 2025
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सीबीआई ने की बड़ी कार्रवाई
सीबीआई ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने बताया कि यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का हिस्सा है।
क्या कहता है रिश्वतखोरी का कानून?
भारत में रिश्वतखोरी एक गंभीर अपराध है, जिसके तहत आरोपी को 7 साल तक की जेल हो सकती है। सीबीआई ने पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे मामलों में अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जो सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को दर्शाता है।
अब सीबीआई इस मामले की गहन जांच कर रही है। संभावना है कि और भी अधिकारियों के नाम सामने आ सकते हैं। यह मामला एक बार फिर सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
"क्या आपको लगता है कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए? हमें कमेंट में बताएं और इस खबर को शेयर करके भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाएं!"
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