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प्रदेश की महिलाओं को एक नई पहचान दी है।
प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बेटियों के लिए कई अहम योजनाएं लागू की गई हैं, जिनका सकारात्मक असर राज्य की आधी आबादी के जीवन पर पड़ा है। प्रदेश सरकार की इन योजनाओं के जरिए महिलाओं को न केवल आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत बनने का मौका मिल रहा है, बल्कि उनकी सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए भी ठोस प्रयास किए गए हैं। इन योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं और उत्तर प्रदेश की महिलाओं को एक नई पहचान दी है।
इस योजनाओं से हुआ महिलाओं का सशक्तिकरण
प्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बीसी सखी योजना, बिजली सखी योजना जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के जरिए महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, और रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। इन योजनाओं ने महिलाओं के जीवन को बदलने का काम किया है, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान भी मिला है। प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड, पिंक बूथ, वन स्टॉप सेंटर जैसी पहलें शुरू की हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। एंटी रोमियो स्क्वॉड ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है, जबकि पिंक बूथ और वन स्टॉप सेंटर जैसी पहलें महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध कराती हैं।
बेटियों को शिक्षा और स्वास्थ्य की दिशा में लाभ
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत अब तक प्रदेश की 23 लाख से अधिक बेटियों को लाभ हुआ है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने बालिकाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक मजबूत आधार देने का काम किया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (केविड) और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत भी हजारों बेटियों को स्वास्थ्य और शिक्षा में मदद मिली है।
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत लगभग 9 लाख महिला समूहों को जोड़ा गया है। इन समूहों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। इसके अलावा, प्रदेश में 2 लाख से अधिक महिलाएं पीएम स्वनिधि योजना से लाभांवित हो रही हैं, जो उन्हें छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 2500 से अधिक उचित मूल्य की दुकानों का आवंटन किया है, जिससे महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में एक बड़ा कदम मिला है। इसके अलावा, 1 लाख से अधिक महिलाओं को सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिली है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से 2 लाख से अधिक पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को सहायता दी जा चुकी है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने 181 महिला हेल्पलाइन योजना शुरू की है, जिसके तहत 7 लाख से अधिक महिलाओं को त्वरित सहायता मिली है। प्रदेश के 189 निकायों में 1100 पिंक शौचालयों का निर्माण किया गया है, जो महिलाओं को सुरक्षित और सुविधाजनक शौचालय की सुविधा प्रदान करते हैं।
निराश्रित महिलाओं के लिए पेंशन योजना
प्रदेश सरकार ने निराश्रित महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने के लिए पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत हर महीने 1000 रुपये की पेंशन दी जा रही है। अब तक 34.14 लाख निराश्रित महिलाओं को इस योजना से लाभ मिल चुका है। इसके अलावा, निराश्रित और हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए आश्रम गृहों का संचालन किया जा रहा है, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक सहारा मिलता है।
4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत, प्रदेश सरकार ने 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ करवाई है। इस योजना के माध्यम से न केवल गरीब परिवारों की बेटियों को सामाजिक समरसता में शामिल किया गया, बल्कि यह योजना समाज में समानता और समावेशिता की भावना को बढ़ावा देने का कार्य भी कर रही है।
गरीब महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने देश में पहले स्थान पर रहते हुए 2 करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए हैं। इससे महिलाओं के घरों में रसोई गैस का उपयोग बढ़ा है और उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने कई कड़े कदम उठाए हैं। पॉक्सो (POCSO) से जुड़ी मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की गई है, जिससे पीड़ित महिलाओं को शीघ्र न्याय मिल सके।