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नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान पर प्रदेश सरकार सख्त Photograph: (Social Media)
प्रदेश में सड़क हादसों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने "नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान को और सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग और पुलिस मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाएंगे। सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना हेलमेट पहने बाइक सवारों को पेट्रोल न दें। साथ ही, सरकारी और निजी कार्यालयों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
सड़क दुर्घटनाओं के चौंकाने वाले आंकड़े
प्रदेश में हर साल करीब 25 हजार लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें 31 फीसदी बाइक सवार होते हैं। मौत के प्रमुख कारणों में 49 फीसदी अधिक गति, 8 फीसदी नशे की हालत में वाहन चलाना और 12 फीसदी गलत दिशा में गाड़ी चलाना शामिल है। सड़क सुरक्षा समिति ने बाइक सवारों की मौत को लेकर नाराजगी जताई है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश दिए हैं।
सख्ती बढ़ाने की तैयारी
अब परिवहन विभाग और पुलिस ने संयुक्त रूप से "नो हेलमेट, नो पेट्रोल" अभियान को कड़ाई से लागू करने का फैसला किया है। पेट्रोल पंप संचालकों को यह साफ निर्देश दिया गया है कि यदि कोई व्यक्ति बिना हेलमेट पेट्रोल लेने आता है, तो उसे ईंधन न दिया जाए। इसके अलावा, सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी संस्थानों में "नो हेलमेट, नो एंट्री" और "नो हेलमेट, नो अटेंडेंस" जैसी व्यवस्थाएं लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
तीन बार नोटिस देने के बाद जुर्माना
निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। जो पेट्रोल पंपों पर निरीक्षण करेंगी। अगर कोई पंप संचालक बिना हेलमेट पेट्रोल देता पाया गया, तो उसकी तस्वीर खींचकर संबंधित अधिकारी को भेजी जाएगी। यही व्यवस्था कॉलेजों और कार्यालयों में भी अपनाई जाएगी। नियमों के उल्लंघन पर तीन बार नोटिस देने के बाद भी यदि आदेश का पालन नहीं किया गया, तो जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है। हालांकि, जुर्माने की राशि को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।