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UP News : संभल में मस्जिद पर चला बुलडोजर! प्रशासन के दावों पर सवाल!

Sambhal, UP में एक mosque को हटाया गया, प्रशासन ने इसे mosque समिति के सहयोग से बताया। हालांकि, घटना के बाद कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सच में सहमति से हुआ या इसके पीछे कुछ और वजहें हैं। यह धार्मिक संवेदनशीलता और पारदर्शिता का बड़ा सवाल है।

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Ajit Kumar Pandey
UP News : संभल में मस्जिद पर चला बुलडोजर! प्रशासन के दावों पर सवाल! | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी इलाके में एक मस्जिद के कुछ हिस्सों को हटा दिया गया। प्रशासन का दावा है कि यह सब मस्जिद समिति के सहयोग से हुआ है, लेकिन इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। संभल मस्जिद मामले पर प्रशासन जहां इसे एक सामान्य प्रक्रिया बता रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना है कि इसमें पारदर्शिता की कमी है। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों से जुड़े विवादों को सुर्खियों में ला दिया है।

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संभल एसडीएम विनय मिश्रा ने बताई सच्चाई

संभल के एसडीएम विनय मिश्रा ने बयान दिया है कि मस्जिद के बचे हुए हिस्सों को हटाया जा रहा है और यह कार्रवाई मस्जिद समिति के सहयोग से की गई है। उनके अनुसार, "मस्जिद को मस्जिद समिति के सहयोग से हटा दिया गया है।" हालांकि, इस बयान के बाद भी कई लोग असमंजस में हैं। क्या इतनी बड़ी कार्रवाई बिना किसी विरोध के इतनी आसानी से हो सकती है?  कुछ लोग इसे शांतिपूर्ण बताते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे एकतरफा कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं। संभल मस्जिद पर बुलडोजर चलने की खबर ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है।

यह समझना ज़रूरी है कि किसी भी धार्मिक स्थल को हटाना एक संवेदनशील मुद्दा होता है। इसमें प्रशासन को अत्यधिक सावधानी बरतनी होती है। ऐसे में, यदि यह सब वाकई आपसी सहमति से हुआ है, तो प्रशासन को इस पर और स्पष्टीकरण देना चाहिए। क्या मस्जिद समिति ने लिखित में अपनी सहमति दी थी? क्या इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी? ये ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब जानना जनता के लिए ज़रूरी है। संभल मस्जिद विवाद को लेकर प्रशासन पर पारदर्शिता बनाए रखने का दबाव बढ़ रहा है।

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संभल की घटना के बाद राजनीति तेज

इस घटना के बाद से स्थानीय राजनीति में भी गहमा-गहमी बढ़ गई है। विपक्षी दल इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, जबकि सत्ताधारी दल इसे विकास और कानून-व्यवस्था का मामला बता रहा है। कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ लोग इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। यह सिर्फ एक मस्जिद का मामला नहीं है, बल्कि यह देश में धार्मिक सौहार्द और प्रशासन के रवैये से जुड़ा एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

आप इस घटना के बारे में क्या सोचते हैं? क्या प्रशासन का दावा सही है, या आपको लगता है कि इसमें कुछ और भी है? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में बताएं!

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 sambhal | Bulldozer Action |

sambhal Bulldozer Action
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